राजस्थान में विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही नेताओं के पाला बदलने की प्रक्रिया शुरू हो गई. अपनी पार्टी से टिकट नहीं मिलने की उम्मीद देख नेता दूसरे दलों में शरण ले रहे हैं. रविवार को कांग्रेस को भरतपुर में बड़ा झटका लगा है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं पूर्व जिला अध्यक्ष गिरीश चौधरी ने रविवार को बसपा पार्टी शामिल हो गए. उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है कि पार्टी अगर उन्हें भरतपुर से प्रत्याशी बनाती है तो चुनाव जरूर लड़ेंगे.
कांग्रेस में नहीं दिख रहा था भविष्य
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी की विचारधारा लगभग मिलती-जुलती है. साथ ही, कांग्रेस और आरएलडी के गठबंधन के चलते कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेताओं को अपना भविष्य अंधकार में दिखाई दे रहा है. यही वजह है कि उन्होंने कांग्रेस को छोड़ बसपा का दामन थामा है.
बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने गिरीश चौधरी को पार्टी का गमछा पहनाकर सदस्यता ग्रहण कराई और उन्होंने कहा कि इन्हें भरतपुर से बसपा का प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा जाएगा. वहीं, गिरीश चौधरी ने कहा कि उन्हें काफी समय कांग्रेस में कार्य करते हो गया, लेकिन जब उन्हें कांग्रेस पार्टी में आगे भविष्य नहीं दिखाई दिया तो बसपा का दामन थाम लिया.
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कांग्रेस-बसपा की है समान विचारधारा
गिरीश चौधरी ने कहा कि कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी की विचारधारा 90 फीसदी एक समान है. कांग्रेस ने आरएलडी के साथ राजनीति गठबंधन कर लिया है. स्वयं के सिंबल पर चुनाव लड़ने का कोई विचार नहीं है. मैं जातिवाद पर विश्वास नहीं करता, लेकिन जाट समाज में जन्मा हूं और सभी समाजों को साथ लेकर चलने पर विश्वास रखता हूं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राज में नगर निगम में पार्षदों का दम घुट रहा है. हर जगह पार्षदों की अनुशंसा पर कार्य होते हैं, लेकिन यहां पर नहीं हो रहे हैं.
जनता की सेवा करने के लिए बसपा में आया
उन्होंने कहा कि सभी साथी फैसला करके बहुजन समाज पार्टी में शामिल हुए हैं. अगर बसपा भरतपुर से प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का मौका देती है तो मैं चुनाव अवश्य लडूंगा और लोगों की सेवा करने पर विशेष ध्यान दूंगा. उन्होंने बिना किसी का नाम लेते हुए कहा कि भरतपुर में भ्रष्टाचार हो कहां-कहां रहा है, कहां जमीन गिरवी रखवाई जा रही है, सभी को इस बारे में जानकारी है, लेकिन बोलता कोई नहीं. चौधरी ने कहा जनता की सेवा करने के लिए रास्ता निकालना पड़ता है, इसलिए बसपा में शामिल हुआ हूं.
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