हरी मिर्च: स्वाद के साथ सेहत का खजाना, डायबिटीज मरीजों की खास दोस्त

हरी मिर्च न केवल स्वाद बढ़ाती है, बल्कि सेहत के लिए भी चमत्कारी है. इसके औषधीय गुण डायबिटीज, पाचन, हृदय रोग और इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं. 

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हरी मिर्च की तस्वीर.

Rajasthan News: हरी मिर्च सिर्फ भोजन का स्वाद ही नहीं बढ़ाती, बल्कि सेहत के लिए भी वरदान है. आयुर्वेद में इसे ‘कुमऋचा' कहा जाता है. इसके औषधीय गुण डायबिटीज, पाचन और हृदय रोगों में फायदेमंद हैं. आइए जानते हैं, कैसे यह छोटी-सी मिर्च सेहत का खजाना है.

डायबिटीज में मददगार

हरी मिर्च डायबिटीज मरीजों के लिए खास है. इसमें मौजूद कैप्साइसिन ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है. रोजाना एक हरी मिर्च खाने से इम्यूनिटी बढ़ती है और रक्त शर्करा स्थिर रहती है. अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के शोध बताते हैं कि मिर्च के यौगिक डायबिटीज और मोटापे से लड़ने में कारगर हैं.

पाचन और मेटाबॉलिज्म को दे जोश

हरी मिर्च पाचन तंत्र को मजबूत करती है. सुबह खाली पेट एक मिर्च खाने से पाचन बेहतर होता है. यह मेटाबॉलिज्म को तेज करती है और शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करती है. इसके एंटी-माइक्रोबियल गुण आंतों के हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करते हैं.

रोगों से लड़े, इम्यूनिटी बढ़ाए

हरी मिर्च में विटामिन ए, सी, के और बीटा-कैरोटीन जैसे पोषक तत्व प्रचुर हैं. इसके एंटी-ऑक्सीडेंट गुण सर्दी-जुकाम, फंगल इंफेक्शन और वायरल बीमारियों से बचाव करते हैं. शोध बताते हैं कि कैप्साइसिन कोरोना जैसे वायरस के प्रभाव को कम कर सकता है. यह सिरदर्द, थकान और अनिद्रा में भी राहत देती है.

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हृदय और कैंसर से सुरक्षा

हरी मिर्च ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करती है और खून के थक्कों को बनने से रोकती है. इसके एंटी-ऑक्सीडेंट गुण कैंसर और सूजन जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव करते हैं. कैप्साइसिन दर्द निवारक के रूप में भी काम करता है.

सावधानी जरूरी

आयुर्वेद में हरी मिर्च को सीमित मात्रा में खाने की सलाह दी जाती है. ज्यादा मिर्च से पेट में जलन हो सकती है. बवासीर मरीजों को लाल मिर्च से बचना चाहिए, लेकिन हरी मिर्च सुरक्षित है. इसे सलाद, सब्जी या चटनी में शामिल करें.

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