
Rajasthan Gaushala Scam: जयपुर की जिन गौशालाओं को अब तक गौसेवा का केंद्र माना जाता था अब वहीं से फर्जीवाड़े की बदबू आने लगी है. कैग रिपोर्ट ने बड़ा खुलासा किया है कि पिंजरापोल और हिंगोनिया जैसी प्रतिष्ठित गौशालाओं में डुप्लीकेट टैग के ज़रिए करोड़ों की हेराफेरी हुई है. और अब सरकार इन दो गोशालाओं सहित आठ जिलों की गोशालाओं से 20 करोड़ रुपये की रिकवरी की तैयारी में है. NDTV की टीम ने मौके पर जाकर पूरी पड़ताल की तो प्रबंधन के दावे, सरकार की जांच और सिस्टम की सच्चाई सबकुछ सामने आ गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक़ पिंजरापोल और हिंगोनिया गौशालाओं में एक ही टैग नंबर से दो से तीन गायों को रिकॉर्ड में दर्शाया गया. इस हेराफेरी के आधार पर सरकार से अतिरिक्त अनुदान भी लिया गया है. कैग की रिपोर्ट में पिंजरापोल से 2.41 करोड़ और हिंगोनिया से 1.31 करोड़ रुपये की गड़बड़ी सामने आई है.
सिर्फ जयपुर तक सीमित नहीं यह हेराफेरी
रिपोर्ट में सामने आया है कि इस घोटाले की जड़ें सिर्फ जयपुर तक सीमित नहीं हैं.
ऑडिट रिपोर्ट के बाद इन सभी को नोटिस जारी कर दिया गया है. राज्य के आठ जिलों में कई गौशालाओं की सब्सिडी जनवरी 2025 से ही रोक दी गई है. यहां तक कि कुछ जगह घरों में सिर्फ 10 गायें थीं, लेकिन उन्हें 100 गायों की बड़ी गौशाला बताकर सरकारी पैसे उठाए गए.

राज्य के आठ जिलों में कई गौशालाओं की सब्सिडी जनवरी 2025 से ही रोक दी गई है.
क्या कहते हैं गोपालन मंत्री ?
रिपोर्ट के बाद अब राजस्थान सरकार हरकत में आई है. आनन फ़ानन में राजस्थान गोपालन विभाग ने गोशालाओं को नोटिस जारी कर जवाब माँगा है साथ ही विभाग को ग़बन की गई राशि को रिकवर करने के आदेश दिए हैं. जयपुर की दोनों गोशालाओं को मिलाकर प्रदेश की गई गोशालाओं से 20 करोड़ की रिकवरी के आदेश दिए गए हैं.
क्या कहते हैं गौशाला प्रबंधक ?
NDTV की टीम जब जयपुर की पिंजरापोल गौशाला पहुंची, तो वहां के प्रबंधन ने कैग की रिपोर्ट पर ही ग़लत बता दिया है उन्होंने कहा है कि किसी भी तरह का कोई फर्जीवाड़ा या गड़बड़ी नहीं हुई है. बताया कि यहां अभी 2800 से ज्यादा गायें, सांड और बछड़े हैं, लेकिन अनुदान केवल 2680 गायों का ही लिया जाता है.

गोशाला प्रबंधक पवन कमरा का कहना है कि कैग की रिपोर्ट का जवाब हम लिखित में दे रहे हैं. (बाएं)
वे मानते हैं कि कुछ टैग मिसिंग हो सकते हैं, लेकिन फर्जी टैगिंग जैसी कोई बात नहीं है. गोशाला प्रबंधक पवन कमरा कहते हैं, ''हमारे पास हर गाय का पूरा डेटा है. टैग मिसिंग हो सकता है लेकिन जानबूझकर कोई डुप्लीकेशन नहीं हुआ. कैग की रिपोर्ट का जवाब हम लिखित में दे रहे हैं.”
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