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Rajasthan: जयपुर के आख़िरी जंगल पर संकट के बादल, मॉल बनाने का विरोध

जयपुर में एयरपोर्ट के पास स्थित डोल का बाग जंगल को शहर का फेफड़ा भी कहा जाता है जिन्हें सुखाने की तैयारी की जा रही है.

Rajasthan: जयपुर के आख़िरी जंगल पर संकट के बादल, मॉल बनाने का विरोध
जयपुर में पेड़ों की कटाई का विरोध हो रहा है

Jaipur News: जयपुर शहर के बीचोंबीच एक हरा-भरा इलाका है, जिसे स्थानीय लोग ‘डोल का बाढ़' जंगल कहते हैं. लेकिन एयरपोर्ट के पास स्थित इस इलाक़े में अब मॉल और फिनटेक पार्क बनाए जाने की तैयारी चल रही है. लेकिन इस विकास की दौड़ में करीब 2500 पेड़ उजड़ने वाले हैं जिनमें राजस्थान का राज्यवृक्ष खेजड़ी भी शामिल है. इसे लेकर विरोध के सुर तेज हो चुके हैं और पूछा जा रहा है कि क्या जयपुर को असल में इस ‘विकास ' की ज़रूरत है? क्या एक हरे एक कंक्रीट के जंगल के लिए जंगल की आहूति जरूरी है?

जयपुर के सांगानेर इलाक़े में बसा प्राचीन गांव 'डोल का बाढ़' कभी शहर से काफ़ी बाहर था. लेकिन अब ये गांव शहर के बीचों-बीच हरे भरे जंगल के तौर पर नज़र आता है. लेकिन अब इस इलाके में रीको की ओर से एक फिनटेक पार्क, पीएम यूनिटी मॉल और कुछ आवासीय परिसर का निर्माण प्रस्तावित है. इसके लिए लगभग 100 एकड़ वन भूमि चिह्नित की गई है, जिसमें करीब 2500 पेड़ काटे जाने की योजना है. इनमें राज्यवृक्ष खेजड़ी भी शामिल है.

पर्यावरण प्रेमियों ने दिया वैकल्पिक सुझाव

विरोध प्रदर्शन करते युवा

विरोध प्रदर्शन करते युवा
Photo Credit: NDTV

इस प्रस्तावित परियोजना का स्थानीय लोग और पर्यावरण प्रेमी कड़ा विरोध कर रहे हैं. NDTV की टीम जब ग्राउंड जीरो पर पहुँची तो पिछले चार महीने से जारी विरोध प्रदर्शन अब क्रमिक धरने में में तब्दील हो गया है. अलग अलग शहरों से आए युवा तेज बरसात में भी इस जंगल को बचाने की जद्दोजहद में जुटे हुए दिखाई दिए.

डोल का बाढ़ के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे युवाओं का कहना है कि कि यह इलाका “कुंज” कहलाता है और शहर के बीचों-बीच एक प्राकृतिक जैव विविधता से भरपूर जंगल है, जिसे काटा जाना ना सिर्फ पर्यावरण के लिए घातक है बल्कि यह जनभावनाओं के खिलाफ भी है. उन्होंने बताया कि इस परियोजना के विरोध में पहले ही सरकार और रीको को चिट्ठियों के ज़रिए आपत्तियां और सुझाव भेजे जा चुके हैं. 

डोल का बाढ़ के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे युवाओं का कहना है कि कि यह इलाका “कुंज” कहलाता है और शहर के बीचों-बीच एक प्राकृतिक जैव विविधता से भरपूर जंगल है.

युवाओं ने एक वैकल्पिक प्रस्ताव भी दिया है कि इस जंगल को बायोडायवर्सिटी पार्क, नेचर ट्रेल और क्लाइमेट म्यूजियम के रूप में विकसित किया जा सकता है. मॉल को ऐसी जमीन पर शिफ्ट किया जाए जहां पेड़ न हों या कम हों. हालांकि, युवा कह रहे है कि मुख्यमंत्री से उनका कोई संवाद नहीं हो पाया है. प्रशासनिक तौर पर उन्हें मुख्यमंत्री से मिलने का समय नहीं दिया गया है ना ही उनकी बात सरकार तक पहुँचाई जा रही है. वो बताते हैं कि मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुंचाना इसलिए ज़्यादा ज़रूरी है क्योंकि ये इलाक़ा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के विधानसभा क्षेत्र में आता है.

2500 पेड़ों के कटने की है चर्चा

2500 पेड़ों के कटने की है चर्चा
Photo Credit: NDTV

रीको का तर्क, कानून के तहत हो रहा विकास कार्य

असल में डोल का बाड़ में, RIICO ने 1982 और 1984 के बीच निजी मालिकों से जमीन अधिग्रहित की थी. यह भूमि औद्योगिक उद्देश्यों के लिए अधिग्रहित की गई थी और बाद में इसे औद्योगिक क्षेत्र के रूप में अधिसूचित किया गया था.  1988 में, इस भूमि को आवंटित किया गया था.  

डोल का बाड़ में RIICO द्वारा अधिग्रहित भूमि पर दो महत्वाकांक्षी परियोजनाएं यूनिटी मॉल और राजस्थान मंडपम - शुरू की गई हैं. 2013 में, सुप्रीम कोर्ट ने RIICO के पक्ष में फैसला सुनाया, जिससे भूमि अधिग्रहण को मंजूरी मिल गई और औद्योगिक प्रगति का रास्ता साफ हो गया.

रीको का कहना है कि यह निर्माण बजट घोषणा के तहत किया जा रहा है और इसके लिए रीको ने 170 करोड़ रुपये का वैध टेंडर 17 जनवरी को जारी किया था.

तेज़ होते विरोध प्रदर्शन के बीच रीको का कहना है कि यह निर्माण बजट घोषणा के तहत किया जा रहा है और इसके लिए रीको ने 170 करोड़ रुपये का वैध टेंडर 17 जनवरी को जारी किया था. रीको का कहना है कि ये भूमि कभी भी वन, अरक्षित या जैव विविधता क्षेत्र नहीं रही है, न ही किसी पर्यावरणीय या कानूनी उल्लंघन का मामला है. यह भूमि RIICO को अधिग्रहण के बाद दी गई थी और मास्टर प्लान 2025 में आवासीय घोषित है. पेड़ केवल खाली भूमि से हटाए जाएंगे और डिज़ाइन में अधिकतम वृक्ष संरक्षित रहेंगे.

इस जगह पर फिनटेक पार्क, पीएम यूनिटी मॉल और कुछ आवासीय परिसर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है

इस जगह पर फिनटेक पार्क, पीएम यूनिटी मॉल और कुछ आवासीय परिसर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है
Photo Credit: NDTV

सरकार का आश्वासन

वैसे पिछली सरकार के समय भी इसे रोकने के लिए कोई ठोस पहल नहीं की गई हालाँकि तब भाजपा के कुछ नेता इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे थे. लेकिन अब जब भाजपा सरकार में भी ये प्रोजेक्ट जारी है तब कांग्रेस के नेताओं ने विरोध के स्वर दिखाए हैं जिनमें सचिन पायलट जैसे बड़े नाम शामिल हैं.

राजस्थान सरकार के मंत्री जोगाराम पटेल का कहना है कि भाजपा सरकार पूरे राजस्थान में पौधरोपण अभियान के तहत करोड़ों पेड़ लगा रही है. उन्होंने कहा कि कुछ विकास परियोजनाओं के चलते कई पेड़ काटने की नौबत आती है लेकिन जब 1 पेड़ काटा जाएगा उसकी एवज में 10 पेड़ लगाए जाएंगे.

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