
Rajasthan News: करीब दो माह पूर्व हनुमानगढ़ जंक्शन में हुए सीवरेज हादसे में दो श्रमिकों की जान बचाने के लिए अपनी जान दांव पर लगाने वाले कमलजीत सिंह ने आखिरकार जयपुर में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया. घटना के बाद दो महीने से कमलजीत सिंह कोमा में थे. इस बीच जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे थे. लेकिन अब वह इस दुनिया में नहीं है. घटना 14 अगस्त की है, जब जंक्शन धान मंडी के पास सीवरेज लाइन की सफाई के दौरान दो मजदूर बेहोश होकर सीवरेज में गिर गए थे. उसी समय पास से गुजर रहे कमलजीत सिंह ने बिना देर किए दोनों को बचाने के लिए खुद सीवरेज में छलांग लगा दी, लेकिन जहरीली गैस के कारण वे भी बेहोश हो गए.
इस हादसे में सफाई कर्मी कर्ण की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि कमलजीत सिंह और एक अन्य मजदूर को गंभीर हालत में बीकानेर रेफर किया गया था. बीकानेर में स्वास्थ्य में सुधार ना होते देख जयपुर रेफर कर दिया गया, जहां करीब दो महीने से कोमा में रहने के बाद मंगलवार रात उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई.
रियल हीरो बन गए कमलजीत सिंह
आज कमलजीत सिंह का शव हनुमानगढ़ पहुंचने पर क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई. स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने कमलजीत सिंह को “रियल हीरो” बताते हुए उनके परिजनों को उचित मुआवजा और सरकारी सहायता देने की मांग की. वहीं, जंक्शन पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया.
हादसे में क्या हुआ था
14 अगस्त को हनुमानगढ़ जंक्शन के लाल चौक वाली रोड के पास में सफाई के लिए दो मजदूर सीवरेज में उतरे थे, सीवरेज में जहरीली गैस के चलते सांस लेने में तकलीफ हुई तो दोनों मजदूर बेहोश हो गए. पास से गुजर रहे कमलजीत ने तुरंत दोनों मजदूरों को बचाने के लिए नीचे उतर गए जहां जहरीली गैस के प्रभाव से वो भी बेहोश हो गए. सभी को रेस्क्यू कर तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया गया. जहां एक मजदूर कर्ण को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया वहीं दो की हालत गंभीर आईसीयू में भर्ती किया था. बाद में स्थिति नाजुक होते देख दोनों को बीकानेर रेफर किया था. जहां कमलजीत की हालत में सुधार ना होते देख उन्हें जयपुर रेफर कर दिया गया जहां करीब दो माह कोमा में रहने के बाद कमलजीत ने दम तोड़ दिया.
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