हनुमानगढ़ जिले के गांव नगराना में एक दिल दहला देने वाला हादसा हो गया, जहां आंगनवाड़ी में पढ़ने गई एक चार साल की मासूम बच्ची की दर्दनाक मौत हो गई. बताया जा रहा है कि आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चे खेल रहे थे, उन्हें नहीं मालूम था कि पानी की डिग्गी पर ढक्कन नहीं लगा हुआ है और खेलते-खेलते एक बच्ची हरमनदीप उसमें गिर गई और मौके पर ही मौत हो गई .
हालांकि बच्ची को निकालने के प्रयास किए गए. लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और बच्ची मौत हो गई थी. बच्ची को तुरंत महात्मा गांधी राजकीय जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां ट्रॉमा सेंटर में चिकित्सकों ने अबोध बच्ची को मृत घोषित कर दिया. वहीं घटना की सूचना मिलते ही संगरिया पुलिस भी मौके पर पहुंची.
लापरवाही का जिम्मेदार कौन
हालांकि बच्ची के दादा ओमप्रकाश ने संगरिया थाने में मृत की रिपोर्ट दर्ज करवाई है, लेकिन जवाबदेहों की लापरवाही के चलते ही एक परिवार की बच्ची इस दुनिया में नहीं रही. इस लापरवाही का जवाब कौन देगा कि स्कूल परिसर में डिग्गी बिना ढक्कन खुले में कैसे हो सकती है. जहां पूरे दिन छोटे-छोटे बच्चे घूमते हैं और खेलते हैं. अगर इस लापरवाही की ओर पहले से जिम्मेदार संजीदा हो जाते तो आज 4 साल की मासूम हरमन दीप को अपनी जान नहीं गंवानी पड़ती.
सहकारी समिति कार्मिक ने किया प्रयास
घटना का पता चलते ही स्कूल में हड़कंप मच गया जिस पर गांव की सहकारी समिति में कार्यरत शीशपाल भादू जो पानी पीने के लिए बाहर निकले थे भाग कर स्कूल परिसर में पहुंचे और डिग्गी में उतरकर बच्ची को ग्रामीणों की सहायता से बाहर निकाला, शरीर में से पानी निकालने, कृत्रिम सांस देने सहित तमाम कोशिश की गई लेकिन बच्ची में कोई हलचल ना होते देख ग्रामीण स्कूल स्टाफ के साथ मासूम को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे जहां ट्रॉमा सेंटर में चिकित्सकों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया.
क्या बोली संगरिया पुलिस
संगरिया थाना के एएसआई किशोर मान ने बताया कि बच्ची के दादा की रिपोर्ट दर्ज कर शव का पोस्टमार्टम करवा, परिजनों के सुपुर्द कर दिया है. वहीं प्रकरण में आगे की जांच संगरिया थाना प्रभारी रामचंद्र कसवां करेंगे. संदिग्ध या लापरवाही के सवाल पर एएसआई मान बोले की घटना की जांच में सभी तथ्य शामिल किए जाकर हर एंगल से घटना की जांच की जायेगी.