Haryana Election Results 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव का रिजल्ट एक बार फिर एग्जिट पोल को पलट दिया है. हरियाणा के 90 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में जहां बीजेपी के खाते में 48 सीट तो कांग्रेस के खाते में 37 सीट आ रही है. जबकि 2 सीट INLD और 3 सीट निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में दिख रही है. बता दें हरियाणा में बहुमत का आंकड़ा 46 है जिसे बीजेपी ने पूरा कर लिया है. ऐसे में हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत के लिए आश्वस्त कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है.
हरियाणा विधानसभा चुनाव के रिजल्ट को देखकर राजनीतिक विशेषज्ञों को भी झटका लगा है. क्योंकि जहां कांग्रेस को पूर्ण बहुमत आने की भविष्यवाणी की गई थी. वहीं कांग्रेस 40 का आंकड़ा पार नहीं कर सकी. हरियाणा विधानसभा चुनाव के रिजल्ट पर जहां अब कांग्रेस हार का मंथन करेगी. वहीं बीजेपी भी अपने जीत का मंथन जरूर करेगी. जिससे उन्हें आने वाले चुनाव में फायदा मिले. जबकि इसके उलट जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है.
हरियाणा में कांग्रेस की हार के 5 कारण
1- कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा कारण हरियाणा में पार्टी की अंतः कलह थी जो चुनाव के बीच ही सामने आई थी. कुमार सैलजा का चुनाव नहीं लड़ने का दर्द वाला बयान यह साफ तौर पर भूपेंद्र हुड्डा और सैलजा के बीच के दरार को दिखा रहा था.
2- भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पास हरियाणा में कांग्रेस की पूरी कमान थी और टिकट बंटवारे में भी हुड्डा का पूरा दबदबा दिखा. ऐसे में काफी कांग्रेस नेता में नाराजगी भी दिख रही थी.
3- कांग्रेस ने किसान, पहलवान और अग्निवीर का मुद्दे पर बीजेपी को घेरना चाहा, लेकिन बीजेपी ने इन मुद्दों का डिफेंड किया और मतदाताओं पर यह मुद्दे बेअसर दिखे.
4- कांग्रेस के चुनाव प्रचार अभियान में जाट के प्रति झुकाव ज्यादा दिखा जबकि गैर जाट और बाकी जातियों पर पकड़ कम दिखा. ओबीसी और दलितों से कांग्रेस दूर दिख रही थी.
5- कांग्रेस की घोषणा पत्र पर मतदाताओं ने भरोसा नहीं जताया. ऐसा इसलिए की पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के वादे फेल होते दिखे.
बीजेपी की जीत के 5 कारण
1- हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले ही बीजेपी ने सबसे पहले सीएम को बदल कर एंटी इनकम्बेंसी को दूर कर बड़ा दांव खेला था. जो चुनाव में जीत का सबसे बड़ा कारण बना.
2- कांग्रेस के उलट बीजेपी ने गैर जाट वोटरों समेत ओबीसी और दलितों को अपने पाले में करने में सफल रही. जबकि जाट सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार बीजेपी को फायदा पहुंचाया
3- बीजेपी ने अग्निवीर मुद्दे पर डिफेंड करते हुए अग्निवीर के लिए सरकारी नौकरी और पेंशन का वादा किया. इससे बीजेपी को काफी फायदा मिला.
4- बीजेपी ने संगठन में निचले स्तर पर सबसे ज्यादा काम किया. जिसे बीजेपी ने खुद लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ी गलती मानी थी. इससे कार्यकर्ताओं में निराशा दूर हुई.
5- बीजेपी का JJP से अलग होना भी जीत का कारण बना. जिसे इस चुनाव में एक सीट भी हासिल नहीं हो सकी.
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