Rajastha Mahipal Singh: राजस्थान की आन बान और शान कहे जाने वाले जोधपुरी साफा की पहचान न सिर्फ प्रदेश या देश में है बल्कि विश्व में भी जोधपुरी साफा अपनी एक अलग पहचान रखता है. जहां देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 26 जनवरी और 15 अगस्त के अवसर पर जोधपुरी साफा को धारण कर ध्वजारोहण करते देखे गए हैं. जोधपुर के महिपाल सिंह दो मर्तबा दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 26 जनवरी और 15 अगस्त के अवसर पर साफा भी बांध चुके हैं. महिपाल सिंह की साफा बांधने के कला के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दीवाने हैं.
देश 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है तो इसी बीच एनडीटीवी की टीम पहुंची जोधपुर के महिपाल सिंह के पास और उनसे कुछ रोचक बातें हुई. जोधपुर में महिपाल सिंह के सफा स्टोर पर आज भी प्रधानमंत्री को साफा बांधने के दौरान प्रकाशित हुई खबरों के कलेक्शन को लगा रखा है. जहां आने वाले ग्राहक भी उनकी इस कला को देखकर आकर्षित भी होते हैं.
महिपाल के सफा कलेक्शन से पीएम ने चुना था साफा
एनडीटीवी की टीम से खास बातचीत करते हुए महिपाल सिंह ने बताया कि वह दो बार दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जोधपुरी साफा बांध चुके हैं. जहां जोधपुरी साफे की कई वैराइटी के साफे वह दिल्ली ले गए थे. प्रधानमंत्री ने उनमें से अपनी पसंद का पचरंगी लहरिया साफा को चुना और महिपाल सिंह को बांधने को कहा. महिपाल सिंह ने अपनी इसी कला का बखूबी परिचय देते हुए प्रधानमंत्री को साफा बांधा था. जहां प्रधानमंत्री ने भी उन्हें भेंट के रूप में एक शॉल और मोमेंटो भेंट किया था. महिपाल सिंह ने अपने इस सवर्मीम पलों को साझा करते हुए बताया कि वह पल उनके जीवन के सबसे सुनहरे पलों में से एक है.
महिपाल सिंह ने बताया कि जब उन्होंने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साफा बांध रहे थे. उसी दौरान प्रधानमंत्री से उनकी कुछ क्षण बात हुई. उन्होंने साफा की विभिन्न वैराइटियों पर बात करते हुए साफा कला को और विस्तृत मुकाम तक पहुंचने की बात कही थी. महिपाल सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री का सरल और विनम्र स्वभाव हृदय को छू लेने वाला था.
महिपाल सिंह ने बताया कैसे पहुंचे थे पीएम मोदी तक
हालांकि कोविड काल के बाद सुरक्षा कारणों से महिपाल सिंह प्रधानमंत्री को साफा बांधने नहीं जा जा सके. महिपाल सिंह ने बताया कि दिल्ली में प्रधानमंत्री को साफा बांधने में जोधपुर के स्थानीय सांसद और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत उन्हें विशेष सहयोग किया था.
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