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Analysis: राजस्थान के बजट से लोकसभा चुनाव की सेटिंग! पढ़ें 5 बड़ी घोषणाओं के सियासी मायने

Rajasthan Budget: राजस्थान की वित्त मंत्री दिया कुमारी ने गुरुवार को अंतरिम बजट पेश किया. लोकसभा चुनाव से पहले पेश हुई इस बजट में 5 ऐसी बड़ी घोषणाएं की गई हैं जिससे आम चुनाव में भाजपा को फायदा हो सकता है. पढ़ें राजस्थान के अंतरिम बजट पर यह स्पेशल रिपोर्ट.

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Analysis: राजस्थान के बजट से लोकसभा चुनाव की सेटिंग! पढ़ें 5 बड़ी घोषणाओं के सियासी मायने
Rajasthan Budget: राजस्थान की वित्त मंत्री दिया कुमारी ने गुरुवार को अंतरिम बजट पेश किया है.

Rajasthan Budget: राजस्थान की वित्त मंत्री दीया कुमारी (Diya Kumari) ने गुरुवार को विधानसभा में लेखानुदान या अंतरिम बजट (Rajasthan Interim Budget 2024) पेश किया. अगले वित्त वर्ष में आने वाले पूर्ण बजट तक सरकार इसी बजट के अनुसार खर्च करेगी. इस बजट में 70,000 पदों पर भर्तियां, लाड़ो प्रोत्साहन योजना, मंदिरों के विकास के लिए फंड, कम अवधि के लिए ब्याज मुक्त लोन देने सहित कई बड़ी घोषणाएं की गई है. इस बजट का लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) पर भी असर पड़ेगा. राजस्थान के सियासी जानकारों की माने तो गुरुवार को पेश हुए राजस्थान के अंतरिम बजट में कई ऐसी घोषणाएं की गई जिन्हें भाजपा (BJP) लोकसभा चुनाव में कैश करेगी. इन घोषणाएं के केंद्र में खास वर्ग के वोटर हैं. जिससे 'मिशन-25' और 'अबकी बार 400 पार' के सियासी जुमले को फिट किया जाएगा.   

1. 70 हजार नौकरी, केंद्र में युवा वोटर

राजस्थान के अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने 70 हजार पदों पर भर्ती निकालने की घोषणा की. वित्त मंत्री दिया कुमारी ने कहा कि ‘‘युवाओं को सम्बल प्रदान कर उनके लिए रोजगार के अधिकाधिक अवसरों का सृजन करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है. इस क्रम में, युवाओं को रोजगार को आगामी वर्ष में सरकार के अधीन लगभग 70 हजार पदों पर भर्तियां किये जाने की मैं घोषणा करती हूं. साथ ही, युवाओं की काउंसलिंग और मार्गदर्शन के माध्यम से निजी क्षेत्र में उनके स्वर्णिम करियर निर्माण के लिए राज्य के समस्त संभाग मुख्यालयों पर युवा साथी केन्द्र स्थापित किये जाने का भी प्रस्ताव है. इस पर 10 करोड़ रुपये खर्च होंगे.''

सियासी जानकारों की माने तो सरकार की इस घोषणा के केंद्र में युवा वोटर हैं. पेपर लीक और भर्ती परीक्षाओं में धांधली के कारण राजस्थान के युवा वोटर पूर्ववर्ती सरकार से नाराज थे. विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने बदलाव के नाम पर वोट दिया था. अब अंतरिम बजट में युवाओं के रोजगार के लिए बड़ी घोषणा कर भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए युवा वोटरों को अपने पाले में बनाए रखने की कोशिश की है. 

2. लाड़ो प्रोत्साहन, लखपति दीदी और मातृ वंदन योजना से महिलाओं को जोड़ने की कोशिश

अंतरिम बजट में महिलाओं के लिए भी कई घोषणाएं की गई है. सरकार महिलाओं के लिए एक नई स्कीम लेकर लाई है. जिसका नाम ‘लाडो प्रोत्साहन योजना' रखा गया है. इस योजना के तहत गरीब परिवारों की बालिकाओं के जन्म पर एक लाख रुपये का ‘सेविंग बॉन्ड' दिया जाएगा. इसके अलावा ‘लखपति दीदी योजना'के जरिए महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण करते हुए पांच लाख परिवारों की आय एक लाख रुपये वार्षिक तक करने का लक्ष्य रखा गया. साथ ही मातृ वंदन योजना की राशि भी बढ़ाई गई है. 

महिलाओं को समर्पित इन घोषणाओं से राजस्थान के सभी लोकसभा सीटों की महिला वोटरों को साधने की कोशिश की गई है. मालूम हो कि राजस्थान में 2,53,51,276 महिला वोटर हैं. विधानसभा चुनाव के समय महिला अत्याचार और अपराध का मुद्दा खूब गरमाया था. सरकार बनने के बाद भाजपा ने इस मुद्दें पर काम भी शुरू किया. अब बजट में महिलाओं के लिए विशेष घोषणाएं कर उन्हें लोकसभा चुनाव में भी अपने पाले में बनाए रखने की कोशिश की गई है. 

3. हिंदुत्व एजेंडा: मंदिरों के विकास के लिए 20 करोड़

अंतरिम बजट में प्रदेश के 20 बड़े मंदिरों के विकास के लिए 20 करोड़ रुपए के फंड की घोषणा की गई है. इसके तहत जिन मंदिरों का विकास होगा उसमें राजधानी जयपुर के गोविन्ददेव जी मंदिर, बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम, डीग का पूंछरी का लौठा, रणथंभौर का त्रिनेत्र गणेश जी सहित अन्य शामिल हैं. ये सभी मंदिरें अपने-अपने इलाके की बेहद प्राचीन और मशहूर है. इन मंदिरों पर आस-पास के लोगों की गहरी आस्था है. 

सियासी जानकारों की माने तो मंदिरों के विकास वाली घोषणा से भाजपा सरकार ने हिंदुत्व के एजेंडे को केंद्र में रखा है. यह भाजपा की पुरानी नीति है. बहुसंख्यक हिंदू समाज के लोग भाजपा के वोट बैंक में शामिल हैं. लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के जरिए इन्हें खुश किया जा चुका है. अब राजस्थान के 20 मंदिरों के विकास की घोषणा के साथ भाजपा ने बड़ा मास्टरस्ट्रोक चला है. 


4. ERCP के जरिए प्रदेश की 13 जिलों के 12 सीटों पर नजर

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना ERCP राजस्थान की 13 जिलों के लिए बहुप्रतिक्षित मांग है. विधानसभा चुनाव में जीत के बाद भाजपा ने इस परियोजना पर तेजी से काम करना शुरू किया है. मध्यप्रदेश सरकार के सहमति मिलने के बाद इसका काम शुरू किया जा चुका है. अंतरिम बजट में इसके बारे कहा गया कि अब केन्द्र सरकार के सहयोग से इस परियोजना को और वृहद रूप देते हुए उपलब्ध पानी की मात्रा बढ़ायी जाएगी. पूर्व में अनुमानित परियोजना के लिए आवश्यक राशि 37,250 करोड़ रुपये को बढ़ाकर लगभग 45 हजार करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव है.

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना ERCP के जरिए भाजपा राजस्थान की 12 लोकसभा सीटों पर फोकस कर रही हैं. विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को ईआरसीपी के दायरे में आने वाली सीटों पर बढ़त मिली थी. पूर्वी राजस्थान की करीब 70 फीसदी सीटों पर भगवा ने परचम लहराया था. अब लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने यहां के वोटरों को बड़ा तोहफा दिया है. 

5. किसान सम्मान निधि योजना की राशि बढ़ी, केंद्र में बड़ा वोट बैंक

अंतरिम बजट में किसानों को लेकर भी बड़ी घोषणा की गई है. पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत किसानों के लिए देय वित्तीय सहायता को प्रति परिवार छह हजार से बढ़ाकर आठ हजार रुपये वार्षिक करने की घोषणा की है. इसके लिए 1,400 करोड़ रुपये वार्षिक का प्रावधान प्रस्तावित है. साथ ही, प्रथम चरण के रूप में रबी 2023-24 में गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य के अतिरिक्त 125 रुपये प्रति क्विंटल बोनस उपलब्ध करवाने का भी निर्णय लिया है. इसपर 250 करोड़ रुपये व्यय होंगे.

साथ ही वित्त मंत्री ने राज्य में मोटे अनाज उत्पादन को और बढ़ावा देने तथा ग्रामीण परिवारों को अपनी आवश्यकता का अनाज पैदा करने की दृष्टि से आगामी वर्ष 12 लाख किसानों को मक्का, आठ लाख किसानों को बाजरा, सात लाख किसानों को सरसों, चार लाख किसानों को मूंग एवं 1-1 लाख किसानों को ज्वार व मोठ के उच्च गुणवत्ता के बीज उपलब्ध करवाया जाना प्रस्तावित है. किसानों के लिए की गई इस घोषणा से प्रदेश के बड़े वोट बैंक को अपने साथ जोड़े रखने की कोशिश की गई है. 

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर हमला

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री दिया कुमारी ने प्रदेश की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि उसके कार्यकाल में राज्य जहां एक ओर विपरीत वित्तीय स्थिति में आ गया, वहीं दूसरी ओर गलत नीतियों, भ्रष्टाचार, लचर कानून व्यवस्था, कुशासन एवं तुष्टिकरण के कारण प्रदेश के विकास की गति भी मंद हुई. उन्होंने कहा, ‘‘इन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करते हुए हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार के सहयोग के साथ-साथ, अपनी सरकार की ठोस कार्ययोजना, सुशासन एवं कठिन परिश्रम से प्रदेश को सतत विकास के मार्ग पर ले जाएगे.

मालूम हो कि आगामी लोकसभा चुनाव के कारण बजट प्रस्तावों पर विधानसभा में चर्चा कराकर 31 मार्च, 2024 से पूर्व वार्षिक बजट पारित कराया जाना संभव नहीं है. ऐसे में वित्त वर्ष 2024-25 के पहले चार महीनों के लिए यह लेखानुदान बजट पेश किया गया है. वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट जुलाई में पेश किया जाएगा.

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