Rajasthan News: उदयपुरवाटी के विधायक और शिवसेना नेता राजेंद्र सिंह गुढ़ा (Rajendra Singh Gudha) पर राजकीय महाविद्यालय के लोकार्पण के दौरान हुई हाथापाई के मामलें में SC/ST एक्ट सहित मारपीट की धाराओं में मामला दर्ज हुआ है. गहलोत समर्थक द्वारा विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा सहित एक दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ उदयपुरवाटी थाने में मामला दर्ज करवाया गया.
'अशोक गहलोत थके नहीं हैं'
विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने नांगल में एक निजी रिसोर्ट में मंगलवार को पत्रकार वार्ता करते हुए सीएम अशोक गहलोत पर जमकर हमला बोला. विधायक ने कहा, 'जल्द ही आचार संहिता लगने वाली है. मैं तो सोच रहा था गहलोत जी थक गए होंगे, मगर गहलोत थके नहीं, उन्होंने एक ओर प्रयास किया है. उन्होंने एक ओर मुकदमा दर्ज करवाया है.'
'मैंने CM बनने में की मदद'
गुढ़ा ने कहा, 'अशोक गहलोत अकेले ही मुख्यमंत्री नहीं बने. उन्हें दो बार मुख्यमंत्री बनाने और सरकार बचाने में मैंने अग्रिम पंक्ति में रहकर भूमिका निभाई है. जो कह रहे हैं गहलोत जी ने कॉलेज बनवाया है. वो मेडिकल यूनिवर्सिटी की घोषणा करवा लें. जिस तरह से पुलिस कह रही कि सरकार की परामर्श के बाद मामला दर्ज किया है. इसका मतलब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुकदमा दर्ज करवाया है.'
29 सितंबर को मिली थी शिकायत
ये एफआईआर उदयपुरवाटी थाने में दर्ज कराई गई है. थाना प्रभारी सुरेश सिंह के मुताबिक, धनावता निवासी अशोक राठी पुत्र ओमप्रकाश मेघवाल ने विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा और उनके समर्थक प्रताप सिंह नांगल, दशरथ सिंह नांगल, पिंटू स्वामी, गोविंद वाल्मिकी, राकेश मीणा पचलंगी, निजी सहायक कृष्ण व दीपेंद्र सिंह, टोनी पौंख, राजेंद्र मारवाल, रविंद्र ठेकेदार, साहिल गुढ़ा, गजेंद्र सिंह शेखावत, जितेंद्र सिंह गिरावड़ी, दीपक स्वामी और अन्य के खिलाफ 29 सितंबर को शिकायत दी थी, जिस पर अब कार्रवाई की गई है.
सरकार ने दी कार्रवाई की मंजूरी
अपनी रिपोर्ट में अशोक राठी ने बताया था कि सरकारी कॉलेज के उद्घाटन समारोह के दौरान अशोक गहलोत जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे. तब विधायक गुढ़ा के समर्थक उक्त आरोपियों ने उनके साथ मारपीट की. परिवादी अशोक के मुताबिक वह कॉलेज के गेट पर खड़ा था तो विधायक गुढ़ा और उनके समर्थक रविंद्र सिंह पौंख ने उसे जाति सूचक गालियां दी व मारपीट की. इस दौरान उसकी सोने की चेन व अंगूठी भी छीन ले गए. 29 सितंबर को ही विधायक के खिलाफ रिपोर्ट मिलने के बाद भी पुलिस कार्रवाई नहीं कर पाई क्योंकि विधायक होने के कारण विधानसभा अध्यक्ष की मंजूरी के बिना मुकदमा और गिरफ्तारी नहीं हो सकती. ऐसे में पुलिस ने मामले को स्वीकृति के लिए राज्य सरकार के पास भिजवाया. वहां से मंजूरी मिलने पर 2 अक्टूबर को गुढ़ा और उसके समर्थकों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. जांच सीआईडी सीबी को सौंप दी गई है.