Rajasthan News: राजस्थान की 7 विधानसभा सीटों पर आज शाम तक प्रचार थम जाएगा. रामगढ़, दौसा, झुंझनू, सलूम्बर, चौरासी, खींवसर और देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर उप-चुनाव है. ऐसे सभी दल चुनाव जीतने के लिए अपने आखिरी दांव चल रहे हैं. रविवार रात को झुंझुनू में प्रचार के दौरान झुंझनू के सांसद बृजेंद्र ओला ने कहा ''मैंने फतेहपुर में हाकिम अली को टिकट दिलाई थी और एक जाट की टिकट कटवाई थी. उन्होंने कहा कि रात को 12 बजे उन्होंने सचिन पायलट को कहा कि हाकिम अली को फतेहपुर से टिकट दे दो, वरना मुझे तुम्हारा टिकट नहीं चाहिए''
गौरतलब है झुंझुनू विधानसभा सीट से झुंझनू के सांसद बृजेंद्र ओला के बेटे अमित ओला कांग्रेस से मैदान में हैं. हाकिम अली सीकर जिले की फतेहपुर विधानसभा से दूसरी बार विधायक हैं. शेखावाटी की राजनीती में इनके परिवार का काफी दबदबा रहा है. इनके परिवार ने फतेहपुर विधानसभा सीट का 30 साल तक प्रतिनिधत्व किया है. वो शेखावाटी के दिग्गज नेता भंवरू खान के भाई हैं. भंवरू खान फतेहपुर सीट से 3 बार विधायक रहे हैं.
गहलोत सरकार के समय 'लाल डायरी' मामले में भी हाकिम अली का नाम खूब चर्चा में रहा था. हाकिम अली ने कुछ दिन पहले कहा था कि उन्होंने विधानसभा में राजेंद्र गुढ़ा से 'लाल डायरी' छीनी थी.
''मुझे एक विधायक ने बता दिया था कि नगमा बानो को सस्पेंड करेंगे''
बृजेन्द्र ओला ने कहा ''अगर हाकिम अली को टिकट नहीं दोगे तो मैं भी नहीं टिकट नहीं लूंगा, और अगर नगमा बानो सभापति नहीं बनती और मैं सभापति नहीं बनाता तो उनके ससुर तैयब अली की बिल्डिंग कभी नहीं बनती. मुझे एक विधायक ने बता दिया था कि नगमा बानो को सस्पेंड करेंगे. इसलिए हम कोर्ट से स्टे लेकर आए''
नगमा बानों झुंझुनू नगर परिषद की कांग्रेस से सभापति हैं. उन पर कई तरह के आरोप लगते रहे हैं. ऐसे में बृजेंद्र ओला ने कहा कि उन्होंने उनको बचाया, वरना यह सरकार सभापति को सस्पेंड कर देती.
''....तो मुझे भी नहीं चाहिए तुम्हारी टिकट''
ओला ने कहा '' वहां फतेहपुर में (हाकिम अली विरोधी) कहते थे कि अब शीशराम ओला जी तो रहे नहीं और ये हाकिम है, ये तो मंढी तक का नेता है. जानते हो मंढी कहां है? फतेहपुर में है. बाहर, जयपुर की रोड पर. मैंने कह दिया अगर इस हाकिम को टिकट नहीं दोगे तो मुझे नहीं चाहिए टिकट तुम्हारी''
बृजेन्द्र ओला के इन बयानों के मायने
बृजेन्द्र ओला के इन बयानों का सीध- सीधा जुड़ाव मुस्लिम मतदाताओं को अपनी तरफ खींचना है. गौरतलब है कि झुंझुनू से कांग्रेस के टिकट की घोषणा से पहले कांग्रेस के कई मुस्लिम नेताओं ने ओला परिवार को टिकट देने का विरोध किया था. उसके बाद से माना जा रहा था कि मुसलमान इस बार कांग्रेस से नाराज़ हैं.
अहसान की याद !
कांग्रेस का यह डर तब और बढ़ा जब उदयपुरवाटी से पूर्व विधायक राजेंद्र गुढ़ा झुंझनू से निर्दलीय मैदान में आ गए. कांग्रेस के मुताबिक वो कई दिनों से मुसलमानों को 'रिझाने' का प्रयास कर रहे हैं. सियासत के जानकारों का कहना है कि ऐसे में चुनाव प्रचार अभियान से एक दिन पहले ओला के शेखावाटी के सबसे मुस्लिम नेता को टिकट दिलवाने की बात कह कर वो मुसलामानों को उनके किये 'अहसान' को याद दिला रहे हैं.
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