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Rajasthan News: 'मैं भी PMT के पहले प्रयास में फेल हो गया था, ज़्यादा तनाव ना लें' कोटा में कलेक्टर ने ली बच्चों की क्लास 

कलेक्टर ने कहा कि परीक्षा में कम स्कोर से घबराने के बजाय उसे एक सीखने का अवसर समझना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वे स्वयं 12वीं तक प्रथम स्थान पर रहे, लेकिन पीएमटी के पहले प्रयास में सफल नहीं हो पाए थे. इसलिए, छात्रों को हमेशा एक बैकअप प्लान यानी “प्लान बी” रखना चाहिए.

Rajasthan News: 'मैं भी PMT के पहले प्रयास में फेल हो गया था, ज़्यादा तनाव ना लें' कोटा में कलेक्टर ने ली बच्चों की क्लास 

Kota News: कोटा के जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन को लेकर लगातार संवाद कर रहे हैं. “डिनर विद कलेक्टर” और “कोटा केयर्स” पहल के तहत वे विद्यार्थियों से मिलकर परीक्षा की तैयारी, मानसिक संतुलन, करियर विकल्प और समाज की अपेक्षाओं पर चर्चा कर रहे हैं. छात्रों के बीच उनकी क्लास को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है. डॉ. गोस्वामी, जो स्वयं डॉक्टर से प्रशासनिक सेवा में आए हैं, अपने अनुभवों से छात्रों को प्रेरित करते हैं और उन्हें बताते हैं कि मरीजों और वंचित परिवारों की समस्याओं को करीब से देखने के बाद उन्होंने यह महसूस किया कि प्रशासनिक सेवा में आकर लोगों की सहायता का दायरा बढ़ाया जा सकता है.

असफलता से डरने के बजाय सीखने की सलाह दी

कलेक्टर ने छात्रों को मानसिक संतुलन बनाए रखने और असफलता से डरने के बजाय सीखने की सलाह दी. उन्होंने बताया कि मेडिकल क्षेत्र में मरीजों की मृत्यु से जुड़े भावनात्मक पहलुओं को संभालना एक चुनौती होती है, लेकिन संतुलन बनाए रखना आवश्यक है. परीक्षा की तैयारी के संदर्भ में उन्होंने मॉक टेस्ट देने, पुरानी परीक्षाओं के प्रश्न पत्रों का विश्लेषण करने और कमजोरियों पर काम करने की सलाह दी.

''पीएमटी के पहले प्रयास में सफल नहीं हो पाया''

उन्होंने यह भी कहा कि परीक्षा में कम स्कोर से घबराने के बजाय उसे एक सीखने का अवसर समझना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वे स्वयं 12वीं तक प्रथम स्थान पर रहे, लेकिन पीएमटी के पहले प्रयास में सफल नहीं हो पाए थे. इसलिए, छात्रों को हमेशा एक बैकअप प्लान यानी “प्लान बी” रखना चाहिए.

ज़्यादा तनाव ना लें 

छात्रों द्वारा टॉपर्स की दिनचर्या का अनुसरण करने के सवाल पर कलेक्टर ने कहा कि हर व्यक्ति अलग होता है और अपनी क्षमता के अनुसार अध्ययन करना चाहिए. टॉपर्स से प्रेरणा जरूर ली जा सकती है, लेकिन सफलता के लिए अपनी खुद की रणनीति बनाना अधिक महत्वपूर्ण है. उन्होंने समाज और रिश्तेदारों की अपेक्षाओं से तनाव न लेने की सलाह दी और कहा कि सफलता और असफलता जीवन का हिस्सा हैं. दूसरों की प्रतिक्रियाओं से प्रभावित होने के बजाय, छात्रों को अपनी क्षमताओं और मेहनत पर ध्यान देना चाहिए.

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