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राजस्‍थान में 9 ज‍िले खत्‍म करने पर आईएएस अधिकारियों ने राज्य सरकार के निर्णय को सराहा, बोले-दूरगामी पर‍िणाम आएंगे 

Rajasthan New Districts: राजस्थान की भजनलाल सरकारने सरकार ने गहलोत राज में बने 17 जिलों में से 9 जिलों को रद्द कर दिया है और 8 जिलों को रहने दिया है. राजस्थान में अब केवल 41 जिले रहेंगे.  

राजस्‍थान में 9 ज‍िले खत्‍म करने पर आईएएस अधिकारियों ने राज्य सरकार के निर्णय को सराहा, बोले-दूरगामी पर‍िणाम आएंगे 

Rajasthan New Districts:  भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारियों ने राज्य सरकार के नवसृजित जिलों एवं संभागों के पुनर्निर्धारण के निर्णय की सराहना की है.  उन्होंने प्रशासनिक आवश्यकता, कानून व्यवस्था एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के दृष्टिकोण से मंत्रिमण्डल द्वारा लिए गए इस फैसले को उचित एवं व्यावहारिक बताते हुए अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की. 

फैसला स्वागत योग्य बताया 

र‍िटायर्ड आईएएस अफसर सत्‍य प्रकाश बसवाला ने बताया क‍ि  राज्य सरकार द्वारा नवगठित जिलों एवं संभागों के पुनर्निर्धारण का फैसला स्वागत योग्य है, सरकार के इस सराहनीय फैसले के दूरगामी परिणाम नजर आएंगे. र‍िटायर्ड आईएएस एसएस ब‍िस्‍सा ने बताया क‍ि  राज्य सरकार द्वारा 9 जिलों को वापस समाप्त करने का निर्णय उत्तम प्रतीत होता है, प्रशासनिक दृष्टि से यह सही फैसला है.  मर्ज किए गए जिले तहसील स्तर के हैं, जहां क्षेत्रफल भी कम है व जनसंख्या भी यूपी की तरह बहुत अधिक नहीं है.  कुल मिलाकर यह निर्णय उत्तम है.  

"जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण जैसे जिलों का कोई औचित्य ही नहीं था"

सेवानिवृत्त आईएएस पूर्व जिला कलेक्टर जयपुर अन्तर सिंह नेहरा ने कहा क‍ि यह एक व्यावहारिक फैसला है, क्योंकि एक नया जिला बनाने में काफी खर्चा भी होता है.  जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण जैसे जिलों का कोई औचित्य ही नहीं था.  इसका डीमार्केशन भी बड़ा मुश्किल हो जाता है और इसलिए डिस्ट्रीब्यूशन व्यावहारिक नहीं है.  इसके अलावा जिले जिनमे एक-दो सबडिवीजन ही मुश्किल से हैं उनमें एक एडीएम बिठाकर भी काम चलाया जा सकता है.  इसलिए यह जो फैसला किया है, यह एक बहुत ही व्यावहारिक फैसला है.  इसी तरह बांसवाड़ा और पाली संभाग की तो जरूरत ही नहीं थी क्योंकि इनमें जिले ही बहुत कम थे. 

"सरकार लोकहित में नीतिगत फैसले लेती है"

सेवानिवृत्त आईएएस शिवजीराम प्रतिहार ने कहा क‍ि जनकल्याणकारी सरकार लोकहित में नीतिगत फैसले लेती है. केकड़ी जिला निर्धारित मापदंडों पर उचित नहीं ठहरता होगा. जिले के गठन के लिए अनेक पहलुओं का अध्ययन करने के उपरांत ही विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर ही बहुजन हितार्थ फैसला लिया गया है. 

"प्रदेश में नए जिलों का सुव्यवस्थित विकास आवश्यक है"

र‍िटायर्ड आईएएस डॉ. मोहन लाल यादव ने कहा क‍ि प्रदेश में नए जिलों का सुव्यवस्थित विकास आवश्यक है.  मानव संसाधन और इंफ्रास्ट्रकचर डवलपमेंट पर फ़ोकस करते हुए पर्याप्त राशि खर्च कर उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने से ही जनता को नये जिलों का सही मायने में फ़ायदा मिल सकता है.  

"यह बजट विकास में खर्च हो सकेगा"

पूर्व सच‍िव नगर न‍िगम जयपुर चंद्र प्रकाश कटार‍िया ने कहा क‍ि छोटे जिलों को समाप्त करने से अनावश्यक व्यय में कमी आएगी.  यह बजट विकास में खर्च हो सकेगा.  कार्य क्षेत्र बड़ा होने पर विशेषज्ञों की सुविधा भी सुलभ हो जाती है और क्षेत्र की समस्याओं का निस्तारण सरलता से संभव हो जाता है. 

"नए जिले वैज्ञानिक और भौगोलिक दृष्टि से सही नहीं थे"

केरल सरकार में पूर्व मुख्‍य सच‍िव टी आर मीना ने कहा क‍ि नए जिले वैज्ञानिक और भौगोलिक दृष्टि से सही नहीं थे.  राज्य सरकार ने उप समिति बनाकर सर्वे और तर्कों के आधार पर उन्हें पूर्व जिले में मर्ज करने का निर्णय लिया हैं.  इस प्रकार के निर्णय बहुत सूझबूझ आधारित, आकार व जनसंख्या के अनुसार होने चाहिए. 

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