![IIFA 2025: अभद्र भाषा बोलने वाली अपूर्वा मखीजा के विरोध में उतरी करणी सेना, बड़े आंदोलन की दी चेतावनी IIFA 2025: अभद्र भाषा बोलने वाली अपूर्वा मखीजा के विरोध में उतरी करणी सेना, बड़े आंदोलन की दी चेतावनी](https://c.ndtvimg.com/2025-02/qemmejlg_apoorva-makhija_625x300_14_February_25.jpg?im=FeatureCrop,algorithm=dnn,width=773,height=435)
Rajasthan News: इंडियाज गॉट लेटेंट (India Got Latent) शो में अभद्र भाषा बोलने और विवादित टिप्पणियां देने के बाद ट्रोल हो रहीं सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर अपूर्वा मखीजा (Apoorva Mukhija) को लेकर राजस्थान में एक नया विरोध शुरू हो गया है. जयपुर में अगले महीने होने वाले IIFA अवॉर्ड्स के सिलसिले में मखीजा 20 फरवरी को उदयपुर में जस्थान का गुणगान करती नजर आने वाली थी, लेकिन इससे पहले ही प्रदेश में उसका विरोध शुरू हो गया है. वहीं अब करणी सेना भी इसके विरोध में उतर गई है. वहीं अब इस विरोध प्रदर्शन को देखते हुए IIFA ने अपूर्वा मखीजा का नाम हटा दिया है.
करणी सेना ने दी आंदोलन की चेतावनी
जानकारी के अनुसार, श्री राजपूत राज श्री राजपूत करणी सेवा के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने विरोध किया और चेतावनी दी कि अपूर्वा माखीजा उदयपुर में ना आए नहीं तो उसका विरोध किया जाएगा.
संगठन के संभाग प्रमुख डॉक्टर परमवीर सिंह दुलावत ने कहा कि हमारे देश की संस्कृति को यह लोग सड़क पर लाने को आतुर है. ऐसे लोग उदयपुर में आकर शूटिंग करेंगे ऐसा हम होने नहीं देंगे. अगर मखीजा का उदयपुर आने का प्लान कैंसिल नहीं हुआ तो भारी आंदोलन किया जाएगा.
![विरोध करती हुई करणी सेना. विरोध करती हुई करणी सेना.](https://c.ndtvimg.com/2025-02/u830vlj8_udaipur_625x300_14_February_25.jpg)
विरोध करते हुए करणी सेना के सदस्य.
'उदयपुर वीरों और संतों की भूमि'
वहीं इस मामके को लेकर काली कल्याण धाम के गांधीपति डॉ हेमंत जोशी ने इस मुद्दे पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि राजस्थान की संस्कृति और मर्यादा के साथ किसी भी तरह का समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा. उदयपुर वीरों और संतों की भूमि है, जहां हमारी परंपराएं और संस्कार सर्वोपरि हैं. पर्यटन और विकास जरूरी है, लेकिन यह हमारी संस्कृति की कीमत पर नहीं होना चाहिए. ऐसे आयोजन, जिनमें मर्यादा की सीमाएं लांघी जाती हैं, उन्हें यहां की धरोहर से जोड़ना न्यायसंगत नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि उदयपुर की जनता इस तरह की गतिविधियों को कतई स्वीकार नहीं करेगी और यदि प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया तो विरोध और तेज हो सकता है.
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