आपने अक्सर सुना होगा कि देर से आए छात्रों को लेकर अध्यापक या स्कूल प्रशासन उन्हें सजा सुनाता है लेकिन राजस्थान के बूंदी जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां देर से आए अध्यापक को लेकर विद्यार्थियों ने हंगामा कर दिया और राजमार्ग जाम कर दिया. सूचना पाकर मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने विद्यार्थियों को समझा-बुझाकर विद्यालय में वापस भेजा.
मामला जिले के लाखेरी उपखण्ड क्षेत्र के उतराना गांव में स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल का है. जहां प्रतिदिन देर से आ रहे लापरवाह अध्यापकों के रवैये को लेकर विद्यार्थियों ने हंगामा किया. इससे पूर्व छात्रों ने उतराना सीनियर सेकेंडरी स्कूल के मुख्य दरवाजे का ताला जड़कर प्रदर्शन भी किया था और देर से आए किसी अध्यापकों को अंदर नहीं आने दिया.
परेशान होकर विद्यार्थियों ने लाखेरी - बूंदी स्टेट मार्ग पर जाम लगा दिया. जिससे हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई. छात्र सड़क पर पत्थर व झाड़ियां को डालकर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे. सूचना मिलने पर प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे. लगभग 3 घंटे तक चल प्रदर्शन के बाद मौके पर तहसीलदार पहुंची और छात्रों को कार्रवाई का आश्वासन दिया तब जाकर छात्र माने ओर जाम को खुलवाया.
तहसीलदार ने छात्रों को आश्वासन दिया कि अब नियमित रूप से अध्यापक समय पर आएंगे, देरी होती है तो आप प्रशासन को सूचित करें उक्त अध्यापक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी. जानकारी के मुताबिक स्कूल मे प्राचार्य का पद महीनों से रिक्त है, जिसका कार्यभार एक टीचर को दिया गया है, लेकिन वे भी लंबी दूरी कोटा से अप डाउन करते है. इसके चलते अक्सर स्कूल देर से आते है. प्राचार्य के देर से आने के कारण टीचर भी देर से आते हैं.