Rajasthan News: डीडवाना जिले के नावां शहर के वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश धर्मेंद्र जाखड़ ने मृत श्रमिक के परिजनों को मुआवजा भुगतान के मामले में लापरवाही बरतने पर कड़ा रुख अपनाया है. न्यायालय ने महिला श्रमिक की मौत के मामले में क्षतिपूर्ति राशि अदा नहीं करने पर डीडवाना जिला कलक्टर का वाहन और नगर पालिका का सामान कुर्क करने का आदेश दिया है. हालांकि गुरुवार (11 दिसंबर) को जब सुनवाई हुई तो नगर पालिका ने कोर्ट से कुछ समय की मोहलत मांगी है, जिसके बाद कुर्की आदेश को फिलहाल टाल दिया गया है.
आपको बता दें कि कल जब कोर्ट ने कुर्की का आदेश जारी किया, तब कोर्ट नाजीर महेंद्र स्वामी, प्रोसेस सर्वर पृथ्वी सिंह, वादी के अधिवक्ता मुकेश घसवां और परिवादी पूरणमल नगर पालिका कार्यालय पहुंचे. इसके बाद नगर पालिका के वकील ने आज कोर्ट में पेश होकर बताया कि मुआवजे का यह प्रकरण स्वायत्त शासन विभाग को भेजा गया है. वहां से निर्देश मिलने के बाद आगे का प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी.
साल 2022 में महिला श्रमिक की हुई थी मौत
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत मोक्ष धाम परिसर में कार्य करते हुए 18 नवंबर 2022 को छज्जा ढहने से श्रमिक शांति देवी की मृत्यु हो गई थी. इस मामले में पीड़ित पक्ष के परिवादी पूरणमल ने नगर पालिका के विरुद्ध दावा दायर किया था. इस पर कुचामन के अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश सुंदरलाल खारोल ने नगर पालिका को 11 लाख 36 हजार रुपए ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिए थे. मगर नगर पालिका ने इस आदेश की पालना नहीं की.
12 लाख रुपए भुगतान करने का आदेश
लंबे समय तक भुगतान नहीं होने पर वादी पक्ष ने दोबारा नावां के वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश धर्मेंद्र जाखड़ की कोर्ट में इजराय का प्रार्थना पत्र दायर किया, जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने जिला कलक्टर का वाहन, नगर पालिका अधिशासी अधिकारी कार्यालय का सामान कुर्क करने के आदेश दिए, साथ ही मृतका के परिजनों को 12 लाख रुपए का भुगतान सुनिश्चित करने के भी आदेश दिए थे.
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