
Rajasthan News: राजस्थान के बाड़मेर शहर के पास कृषि भूमि पर भूमाफियाओं ने कब्जा जमा लिया है. इतना ही नहीं अवैध आवासीय कॉलोनियों को विकसित कर सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व की चपत लगा रहे हैं. इतना ही नहीं आम लोग जो अपने आशियाने का सपना देख रहे हैं, उनके जीवन भर की जमापूंजी पर डाका डालकर भूमाफिया चांदी कूट रहे हैं. जिन लोगों ने अवैध कॉलोनियों में प्लॉट लिया है वह लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि जिम्मेदार लोग भूमाफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए चुप्पी साधे हुए हैं.
नगर विकास न्यास से पता चलता है आप हो गए ठगी का शिकार
बाड़मेर शहर के बाहरी भाग यानी बाड़मेर मगरा, बाड़मेर ग्रामीण, बीदासर बाड़मेर आगौर, बाड़मेर ग़ादान सहित आसपास की ग्राम पंचायत में पिछले कुछ समय से कृषि भूमि पर बड़ी संख्या में कॉलोनाइजर्स द्वारा आवासीय कॉलोनियां विकसित की जा रही हैं. इन कॉलोनियों में आमजन नगर विकास न्यास (UIT) से अप्रूव्ड और पट्टासूद होने की बात बताई जाती हैं साथ ही सड़क पानी लाइट सिवरेज के बड़े-बड़े सपने भी दिखाएं जाते हैं. लेकिन जब बारी कॉलोनी में खरीदार द्वारा मकान बनाया जाता है. तब लाइट पानी के कनेक्शन आवेदन करता है तो पता चलता है वे ठगी का शिकार हो चुके हैं. उन्हें पता चलता है कि कॉलोनी कन्वर्ट नहीं है ऐसे में पानी और लाइट का कनेक्शन भी नहीं मिल पाएगा यदि मिल भी जाता है तो उसके लिए सरकारी नियमों के अनुसार प्लॉट से ज्यादा बड़ी रकम चुकानी पड़ती है, और इसके अलावा सड़क सिवरेज जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए जीवन भर भुगतने पर मजबूर होना पड़ रहा है.
बिना जमीनों का नियमन किये ही बेचा जा रहा
भूमाफियां UIT में लगने वाले नियमन शुल्क और फैसिलिटी के नाम पर रिजर्व होने वाली जमीन से बचने के लिए जमीनों का नियमन ही नहीं करवा रहे हैं. ऐसे में सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का सीधा नुकसान हो रहा है. ऐसे मामलों में नगर विकास न्यास को ऐसे कॉलोनाइजर के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए उक्त कॉलोनी को सीज कर नियमन शुल्क वसूलकर आमजन को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवानी चाहिए. लेकिन यूआईटी के जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंद कर बैठे हैं. कहने को करीब 2 साल पहले इस तरह की कुछ कॉलोनी और भूमाफियाओं के विरुद्ध नगर विकास न्यास नोटिस दिए थे. लेकिन कार्यवाही कुछ नहीं हुई. ऐसे में भूमाफिया के हौसले बुलंद है और शहर के इर्द-गिर्द सैकड़ों की संख्या में कालोनिया काटी जा चुकी है और वर्तमान में भी कई ऐसी कॉलोनी है जिन्हें वह माफियाओं द्वारा विकसित किया जा रहा है और भोली भाली जनता को अपनी छत के सपने दिखाकर फंसा जा रहा है.
क्या कहना हैं जिम्मेदारों का
नगर विकास न्यास यानी यूआईटी के क्षेत्र में कट रही अवैध कॉलोनी को लेकर यूआईटी सचिव श्रवण सिंह राजावत से जानकारी लेनी चाहिए तो उन्होंने बातचीत करने से इनकार कर दिया. उनका कहना था कि सभी रिकॉर्ड में है ऐसे में देखकर ही बातचीत कर पाएंगे. फिलहाल भी कहीं और व्यस्त हैं. आपको बता दें की बाड़मेर यूआईटी सचिव के पास नगर परिषद कि आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार भी है ऐसे में वह ज्यादातर समय नगर परिषद में बैठते हैं. जिसके चलते यूआईटी का सारा कामकाज अधीनस्थ कर्मचारियों के भरोसे है. नगर विकास न्यास के गठन के साथी बाड़मेर शहर के बाहरी इलाकों में रहने वाले लोगों को विकास की उम्मीद जगी थी लेकिन पिछले 10 सालों में यूआईटी का एक भी ऐसा काम या उपलब्धि नहीं जो जनता के सामने रखी जाएं.
यह भी पढ़ेंः राजस्थान के पुलिसकर्मियों के लिए खुशखबरी! सीएम भजनलाल ने लंबित मागों पर दिए बड़े निर्देश
यह वीडियो भी देखेंः