Rajasthan Cabinet: राजस्थान में बीजेपी ने भजन लाल शर्मा को सीएम की कुर्सी पर बैठाया है. वहीं, दो डिप्टी सीएम के रूप में दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा को चुना है. माना जा रहा है कि प्रदेश में सीएम और डिप्टी सीएम की कुर्सी पर बीजेपी ने सामाजिक और क्षेत्रिय कारकों को ध्यान रखकर चेहरे तय किये हैं. क्योंकि, बीजेपी ने जहां ब्राह्मण समाज के चेहरे को सीएम की कुर्सी पर बैठाया है तो वहीं, राजघराने से दीया कुमारी को डिप्टी सीएम और अनुसूचित जाति (SC) चेहरे से प्रेम चंद बैरवा को डिप्टी सीएम नियुक्त किया है. वहीं, माना जा रहा है कि, कैबिनेट मंत्रियों का चुनाव भी इसी तरीके से किया जा सकता है.
विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी अब लोकसभा चुनाव की तैयारी में जोर शोर से जुट गई है. राजस्थान की तरह मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी सीएम और डिप्टी सीएम भी सामाजिक और क्षेत्रिय कारकों को ध्यान में रख कर चुना गया है. वहीं, इसे ध्यान में रखते हुए राजस्थान की तरह छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी कैबिनेट का गठन नहीं किया गया है. अब इस पर फैसला दिल्ली दरबार से लिया जा रहा है.
दिल्ली पहुंचे राजस्थान समेत एमपी और छत्तीसगढ़ के सीएम
तीनों राज्यों के कैबिनेट मंत्रियों का चुनाव दिल्ली से किया जा रहा है. रविवार (17 दिसंबर) को राजस्थान के सीएम भजन लाल शर्मा समेत छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु देव साय और मध्य प्रदेश के सीएम डॉ मोहन यादव दिल्ली पहुंचे. जबकि तीनों राज्यों के दो-दो डिप्टी सीएम भी दिल्ली पहुंचे हैं. सभी को जेपी नड्डा के दिल्ली स्थित आवास पर बुलाया गया है. जहां गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में बैठक हुई है.
राजस्थान में बीजेपी विधायक
एससी- 23 विधायक, राजपूत- 17 विधायक, एसटी- 16 विधायक, ब्राह्मण-12 विधायक, जाट- 12 विधायक, वैश्य- 8 विधायक, गुर्जर- 5 विधायक, रावत- 3 विधायक, नागर- 3 विधायक, धाकड़- 3 विधायक, कालवी- 3 विधायक, पटेल-3 विधायक, अन्य-7 विधायक.
राजस्थान में एसी और एसटी विधायकों से होंगे ज्यादा मंत्री
राजस्थान में बीजेपी के 115 विधायक हैं जिसमें से सबसे अधिक एससी विधायकों की संख्या है. जिसकी संख्या 23 हैं. वहीं, इसके बाद राजपूत विधायक हैं जिसकी संख्या 17 है. जबकि एसटी समुह से बीजेपी के 16 विधायक है. ऐसे में एसी-एसटी और राजपूत समुह से कुल 56 विधायक है. माना जा रहा है कि इन तीन समुहों से ही सबसे अधिक मंत्रियों को चुना जाएगा. हालांकि, ये भी तय है कि सामाजिक और क्षेत्रिय कारकों को देखते हुए हर समुदाय से मंत्रिमंडल में विधायकों को जगह दी जाएगी.