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राजस्थान में पिछले 2 सालों में पुलिस हिरासत में हुईं 20 लोगों की मौतें, 6 क़ैदियों ने आत्महत्या की 

पुलिस हिरासत में मौत के 20 मामलों में से 13 की जांच अब भी लंबित है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक पूरी हुई सात जांचों में से किसी में भी पुलिसकर्मियों की कोई गलती नहीं पाई गई और मौतों को प्राकृतिक या आत्महत्या के रूप में दर्ज किया गया.

राजस्थान में पिछले 2 सालों में पुलिस हिरासत में हुईं 20 लोगों की मौतें, 6 क़ैदियों ने आत्महत्या की 
प्रतीकात्मक फोटो

Rajasthan: एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में अगस्त 2023 से अगस्त 2025 के बीच पुलिस हवालात में मौत के 20 मामले दर्ज किए गए जिनमें से छह मौतों का कारण आत्महत्या बताया गया है. कांग्रेस विधायक रफीक खान के एक प्रश्न के उत्तर में राज्य विधानसभा में पेश इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से 12 मौतें स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जुड़ी थीं. जिनमें से छह लोगों की मौत दिल का दौरा पड़ने के कारण हुईं.

इसके अनुसार छह कैदियों ने आत्महत्या की, एक कैदी भागने की कोशिश के दौरान कुएं में गिर गया. वहीं एक कैदी की मौत का कारण अभी भी स्पष्ट नहीं है. रिपोर्ट में सीने में दर्द, लू लगना, पेट दर्द या पुलिस हवालातों के अंदर आत्महत्या जैसी बार-बार होने वाली घटनाओं पर प्रकाश डाला गया है.

घटना से एसओपी के अनुपालन पर सवाल उठते हैं

ब्यावर के जैतारण में हवालात में हुई एक घटना ने सबका ध्यान खींचा,वहां एक बंदी ने मई की भीषण गर्मी में कथित तौर पर कंबल से फंदा बनाकर फांसी लगा ली थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के तहत हवालात में ऐसी चीजें नहीं छोड़ी जा सकती जिनका 'दुरुपयोग' किया जा सके. इस घटना से एसओपी के अनुपालन पर सवाल उठते हैं.

मौत के 20 मामलों में से 13 की जांच अब भी लंबित है

पुलिस हिरासत में मौत के 20 मामलों में से 13 की जांच अब भी लंबित है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक पूरी हुई सात जांचों में से किसी में भी पुलिसकर्मियों की कोई गलती नहीं पाई गई और मौतों को प्राकृतिक या आत्महत्या के रूप में दर्ज किया गया. कुछ मामलों में जहां पुलिसकर्मियों की लापरवाही साबित हुई उनमें पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करने या विभागीय नोटिस जारी करने जैसी कार्रवाई की गई.

कुछ मामलों में अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की गई

इसी तरह कुछ मामलों में अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की गई. जयपुर के एक थाने में हिरासत में आत्महत्या के एक मामले में थानाप्रभारी और तीन कांस्टेबलों को लाइन हाजिर कर दिया गया. श्रीगंगानगर में एक कांस्टेबल को एक साल के लिए वेतन वृद्धि देने से मना कर दिया गया. बारां में एक उपनिरीक्षक को निलंबित कर दिया गया और ब्यावर व दौसा में कांस्टेबलों को नोटिस जारी किए गए.

यह रिपोर्ट ऐसे समय सामने आई है जब उच्चतम न्यायालय ने हिरासत में मौतों पर मीडिया रिपोर्टों पर स्वतः संज्ञान लिया है. न्यायालय ने कहा है कि वह पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के अपने पहले के निर्देश के अनुपालन की जांच करेगा.

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