भारत इस समय विकासशील देशों की सूची में शामिल है. लेकिन आर्थिक मंदी और कोरोना महामारी के बाद भी भारत का ग्रोथ रेट दुनिया के अन्य देशों की तुलना में काफी अच्छा है. अगले 25 साल यानी कि 2024 तक भारत खुद को विकसित देशों की सूची में शामिल करने के मकसद से काम कर रहा है. 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले से इस बात की घोषण की थी. भारत के विदेश मंत्री एस जयंशकर ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने के प्लान पर आज एनडीटीवी से खास बातचीत की. NDTV की खास सीरीज #DecodingG20WithNDTV के तहत NDTV के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर और एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया ने मंगलवार को विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (Dr S Jaishankar) से बातचीत की. इस इंटरव्यू में विदेश मंत्री ने अगले 25 साल के लिए भारत के एक्शन प्लान के बारे में भी बताया.
विदेश मंत्री ने बताया भारत के विकसित होने का प्लान
मंगलवार को NDTV से खास बातचीत में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि अगले 25 साल के अंदर विकसित देश बनने का लक्ष्य हासिल करने के लिए भारत का एक्शन प्लान क्या होगा? विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि मौजूदा समय में दो डिवाइड (विभाजन) हैं. ईस्ट-वेस्ट डिवाइड, नॉर्थ-साउथ डिवाइड. दोनों डिवाइड के खिलाफ कौन से देश हैं, ये समझना जरूरी है.
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि सवाल ये है कि कौन सा देश है, जो दो डिवाइड के बीच एक मिडिल ग्राउंड पर खड़ा है. इसका जवाब है भारत. भारत आज ग्लोबल साउथ की आवाज है. भारत पड़ोसी देशों के बीच मिसाल कायम कर रहा है. ग्लोबल साउथ विकास का, इनकम का अक्स है.
#NDTVDecodingG20 LIVE | भारत की G20 अध्यक्षता से चीन से संबंधों तक सभी अहम मुद्दों पर विदेश मंत्री @DrSJaishankar के साथ @sanjaypugalia की खास बातचीत #MegaNDTVExclusive https://t.co/zcs5dA3qJB
— BQ Prime Hindi (@BQPrimeHindi) August 29, 2023
ग्लोबल साउथ एकता का अहसास भी कराता है. ग्लोबल साउथ एक फीलिंग हैं. ये प्रदर्शन का आइना भी है. ग्लोबल साउथ की आवाज़ बनना बहुत बड़ा उत्तरदायित्व है, हमने यह नाम खुद नहीं दिया है. लेकिन हम इसका पालन पूरी जिम्मेदारी के साथ कर रहे हैं.
भारत के विकास की चार दिशाएं
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि भारत कैसे चार दिशाओं के जरिए अपने लक्ष्य 'विकसित भारत' को हासिल कर सकता है. उन्होंने बताया कि डिप्लोमेसी, फूड सिक्योरिटी, क्लाइमेट एक्शन और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर. इन चारों दिशाओं पर एनडीटीवी से विस्तृत बातचीत करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, "जब आप कूटनीति यानी डिप्लोमेसी की बात करते हैं तो वो आम आदमी को समझ नहीं आता. हमारी कोशिश है कि जी-20 में जो भी मुद्दे उठाए जाएंगे, जो बातचीत होगी... ये सामान्य नागरिक को समझना चाहिए.
श्रीअन्न योजना से फूड सिक्योरिटी होगी सुनिश्चित
भारत के विकास की दूसरी दिशा फूड सिक्योरिटी पर एस जयशंकर ने कहा, "फूड सिक्योरिटी को सुनिश्चित करना विकसित देश बनने की दूसरी दिशा है. खाद्य संकट का हल श्रीअन्न (मोटे अनाज) से ही निकाल सकता है. जब गेहूं की सप्लाई की अनिश्चितता हुई, तुरंत मार्केट प्राइस बढ़ गए. इसलिए हम श्री अन्न का उत्पादन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं."
क्लाइमेंट चेंज पर काम करना होगाः एस जयशंकर
विकसित भारत के प्लान पर विदेश मंत्री ने कहा, "तीसरी दिशा क्लाइमेट एक्शन है. मैं मानता हूं कि कुछ देश क्लाइमेट चेंज पर तो बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन जब एक्शन की बात आती है, तो ये कुछ नहीं करते. हमें क्लाइमेट एक्शन पर भी काम करना होगा. भारत को क्लाइमेट पर अपने एक्शन से दुनिया के सामने उदाहरण पेश करना होगा."
चौथी दिशा के बारे में बताते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर से हमें आगे का रास्ता मिलेगा. डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर किसी को व्यवसाय को संचालित करने, उसे बढ़ाने, इनोवेशन और मांग का जवाब देने में सक्षम बनाता है. बुनियादी स्तर पर, यह वह मंच है जो उन्हें ग्राहकों और बाहरी दुनिया से जोड़ता है. हमें इस दिशा में और काम करने की जरूरत है."
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