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Women Day Special: लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा बनी मेवाड़ की बेटी, लोगों के सहे ताने, पैड वुमन बनकर पीरियड्स पर बदली समाज की सोच

Rajasthan News: राजसमंद की पैड वुमन भावना पालीवाल मासिक धर्म को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर कर रही हैं. वह 'स्त्री स्वाभिमान' अभियान भी चला रही हैं. इसके तहत वह 16 सालों से गांव-गांव जाकर महिलाओं को मासिक धर्म के बारे में जागरूक कर रही हैं.

पैड वुमन भावना पालीवाल.

Rajsamand News: अगर जीवन में कुछ करने की चाहत हो तो चाहे कितनी भी परेशानियां क्यों न आ जाएं, जब तक आप उसे पूरा नहीं कर लेते, चैन से नहीं बैठते है. इस शक्ति को अंदर से जगाने वाली चीज है आपकी इच्छा शक्ति. ऐसे में आपकी अंदरूनी ताकत मजबूत होनी चाहिए क्योंकि सपनों को ताकत उन्हीं से मिलती है जिनके हौसलों में जान होती है. और इस कथन को सच साबित किया है राजसमंद जिले की रहने वाली पैडवुमन भावना पालीवाल ने.

 मासिक धर्म को लेकर 16 साल से चला रही है अभियान

राजसमंद की पैड वुमन भावना पालीवाल कई वर्षों से महिलाओं के मासिक धर्म को लेकर समाज में लड़ाई लड़ रही हैं. कई वर्षों से गांवों और कई पिछड़े शहरों में महिलाओं के मासिक धर्म यानि पीरियड्स को लेकर समस्याएं देखने को मिलती रही हैं. पीरियड्स के दौरान कई बार लड़कियों को स्कूल छोड़ना पड़ता है. जागरूकता के अभाव में वे इन दिनों में गंदे कपड़ों का उपयोग करती हैं, जिसके कारण कई लड़कियां शादी के बाद मां नहीं बन पाती हैं. जिले में 16 वर्षों से रह रही पैड वुमन भावना पालीवाल इन सभी विकारों के प्रति जागरूकता लाने और मासिक धर्म को लेकर फैली वर्जनाओं को दूर करने के लिए कई अभियान चला रही हैं.

वे पीरियड पाठशाला, स्त्री स्वाभिमान, रेड डॉट, चुप्पी तोड़ो, मेरी लाडो, 'हैप्पी टू ब्लीड', अब बच्चा पैदा करने दो समेत कई अभियान चलाकर महिलाओं और आने वाली पीढ़ी को शिक्षित और जागरूक कर रही हैं. इन अभियानों के कारण भावना पूरे जिले में पैडवुमन के नाम से जानी जाती हैं.

बदलाव के लिए बहुत अपमान और शर्मिंदगी झेलनी पड़ी

अपने मिशन के बारे में पालीवाल कहती हैं कि बचपन में जब स्कूल में उन्हें पहली बार पीरियड्स हुए तो उन्हें क्लासरूम में बहुत शर्मिंदगी उठानी पड़. मैं डरी हुई थी लेकिन मेरे मन में इसे बदलने का ख्याल आया. जब मैं बड़ी हुई तो मैंने देखा कि ये सिर्फ़ मेरी कहानी नहीं बल्कि हज़ारों लड़कियों की कहानी है. उसी दिन से मैंने ठान लिया कि एक दिन मैं बदलाव लाऊंगी. शुरुआत में मुझे इस विषय को लेकर बहुत अपमान और शर्मिंदगी उठानी पड़ी. लोगों ने मुझे बहुत ताने मारे, मेरा मज़ाक उड़ाया, मेरा विरोध किया लेकिन मैंने हार नहीं मानी.उनकी मेहनत रंग लाई और आज पालीवाल ने एक लाख से ज़्यादा महिलाओं को मुफ़्त सैनिटरी पैड बांटे हैं. 600 से ज़्यादा कार्यशालाएं आयोजित की गईं, जिससे ये बदलाव आया. जिसका नतीजा ये हुआ कि जो महिलाएं पहले कपड़े से ढंककर अपने मासिक धर्म को छुपाती थीं, वो अब सैनिटरी पैड का इस्तेमाल कर रही हैं.

भावना को लड़की के मासिक धर्म के डर से हुआ दुख 

एक बार एक गांव के सरकारी स्कूल में वे बच्चों को बाल विवाह के दुष्परिणामों के बारे में जानकारी दे रही थीं. इसी दौरान अचानक एक लड़की रोती हुई आई. उसे देखकर भावना को ठेस पहुंची. लड़की के मन में दर्द और डर था. वजह यह थी कि लड़की को पहली बार पीरियड्स आ रहे थे. उस समय वह इस स्थिति से अनजान थी. इस  बात ने भावना को बहुत दुख पहुंचाया. उन्होंने लड़कियों के मन से इस डर को निकालने की ठानी और अब वह इसमें काफी हद तक सफल भी रहीं. इसी के चलते उनकी पीरियड्स स्कूल की शुरुआत हुई.

बच्चियों को 11-12 की उम्र में दें मासिक धर्म की जानकारी 

भावना मासिक धर्म को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर कर रही हैं. वह 'स्त्री स्वाभिमान' अभियान भी चला रही हैं. इसके तहत वह गांव-गांव जाकर महिलाओं को मासिक धर्म के बारे में जागरूक कर रही हैं.इससे आदिवासी इलाकों की बेटियों में जागरूकता आई है. इतना ही नहीं, वह माता-पिता को भी इसके बारे में खुलकर बताती हैं. भावना का मानना ​​है कि लड़कियों को 11-12 साल की उम्र में ही मासिक धर्म के बारे में जानकारी दे देनी चाहिए.

मिला सम्मान

भावना के उत्कृष्ट कार्यों की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हो चुकी है. उनके कार्यों को देखते हुए भारत सरकार के युवा मंत्रालय ने उन्हें 2024 में राजस्थान की यूथ आइकॉन के तौर पर भारत मंडपम में आमंत्रित कर सम्मानित किया. 2019 में केंद्र सरकार ने राजस्थान की पहली डिजिटल वैन सौंपी. 2021 में वोडाफोन इंडिया फाउंडेशन की ओर से देश की वूमन ऑफ वंडर का खिताब दिया गया.

सम्मानों की सूची

इंटरनेशनल यूथ सोसायटी की ओर से 2017 में राष्ट्रीय महिला गौरव पुरस्कार, महिला अधिकारिता विभाग राजस्थान सरकार की ओर से राजस्थान रत्न, राजस्थान पत्रिका की ओर से 40 अंडर 40 सम्मान, उदयपुर दोपहर की ओर से विशिष्ट पुरस्कार, नेहरू युवा केंद्र राजसमंद, विप्र फाउंडेशन की ओर से देश की तेजस्विनी महिला, हरियाणा में महिला रत्न पुरस्कार, सीएससीइंडिया की ओर से डिजिटल बेटी सम्मान, महिला अधिकारिता विभाग की ओर से राजसमंद की विशिष्ट महिला, कई संस्थाओं की ओर से पालीवाल के कार्यों को सम्मानित किया जा चुका है.
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