
Rajasthan News: भारतीय रसोई में गुड़ सिर्फ मिठास का प्रतीक नहीं, बल्कि सेहत का खजाना है. यह प्राकृतिक मिठास न केवल खाने का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि शरीर को ताकत, ऊर्जा और रोगों से सुरक्षा भी देती है. आयुर्वेद में गुड़ को पाचन सुधारने, खून साफ करने और ताकत बढ़ाने वाला माना गया है. यह सर्दी-जुकाम से लेकर एनीमिया तक कई समस्याओं का रामबाण इलाज है.
पाचन और ऊर्जा का साथी
गुड़ में ग्लूकोज, मिनरल्स और एंजाइम्स होते हैं, जो पाचन को दुरुस्त रखते हैं. भोजन के बाद थोड़ा गुड़ खाने से गैस, एसिडिटी और कब्ज की परेशानी दूर होती है. यह शरीर को तुरंत ऊर्जा देता है, जिससे थकान मिटती है. सर्दियों में गुड़ खाने से शरीर गर्म रहता है और बलगम की समस्या कम होती है.
एनीमिया और त्वचा के लिए वरदान
गुड़ में आयरन और फोलेट प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो खून की कमी को पूरा करते हैं. यह खासकर महिलाओं के लिए फायदेमंद है, क्योंकि यह मासिक धर्म के दर्द को कम करता है. गुड़ में जिंक और सेलेनियम जैसे एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को चमकदार और बालों को मजबूत बनाते हैं. यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है और लिवर को डिटॉक्स करने में मदद करता है.
घरेलू नुस्खों में गुड़ का कमाल
सर्दी-जुकाम में गुड़ और अदरक का काढ़ा असरदार है. पाचन के लिए गुड़ और घी, डिटॉक्स के लिए गुड़ और नींबू पानी, और गैस दूर करने के लिए गुड़ और सौंफ का मिश्रण बेहतरीन है. मासिक धर्म के दर्द में गुड़ और तिल का सेवन राहत देता है.
कब और कितना खाएं
सर्दियों में रोजाना थोड़ा गुड़ खाना फायदेमंद है, लेकिन गर्मियों में इसका सेवन कम करें, क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है. सुबह खाली पेट या भोजन के बाद थोड़ा गुड़ खाने से सेहत को पूरा लाभ मिलता है.
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