सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने और कुपोषण से मुक्ति के लिए राजस्थान सरकार ने एक अनोखी पहल शुरू की है. सरकारी स्कूलों में बच्चों को दी जाने वाले मिड डे मील के भोजन की गुणवत्ता छात्रों की मां परखेंगी. इस पहल को भोजन की गुणवत्ता में बढ़ोत्तरी के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है. दरअसल राजस्थान सरकार सरकारी स्कूलों में मिलने वाले 'मिड डे मील' का सोशल ऑडिट अब छात्रों की माँ द्वारा कराया जाएगा.
स्वाद चखने के लिए गेस्ट रूप में आमंत्रित की जाएगी माताएं
मां के हाथों से बने भोजन का स्वाद ही निराला होता है, इसी को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने अब स्कूल में मिड डे मील में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री मिले, इसके लिए स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की माताओं को अतिथि के रूप में आमंत्रित कर उनसे बच्चों को दी जाने वाली पोषाहार की जांच कराई जाएगी. इसके लिए कार्य योजना बनाकर मुख्य सचिव ने निर्देश जारी किए हैं.
न्यूट्रिशन गार्डन बनाए जाएगे
मुख्य सचिव उषा शर्मा ने मिड डे मील में बच्चों की माता की भागीदारी से कार्यक्रम का प्रभावी क्रियान्वयन तथा मॉनिटरिंग करने के निर्देश जारी करते हुए कहा है कि इसके लिए हर स्कूल में प्रतिदिन कम से कम पांच विद्यार्थियों की माताओं को विद्यालय में प्रार्थना के समय आमंत्रित किया जाए और उनकी ही निगरानी में मिड डे मील का निर्माण कराया जाए जिससे की छात्रों को जहां स्वरूचि भोजन उपलब्ध हो सके तो वहीं भोजन की पौष्टिकता और गुणवत्ता भी बनी रहेगी. इसके अलावा
कुक कम हेल्पर को अब मिलेगी मास्टर ट्रेनिंग
इधर सरकार ने मिड डे मील बनाने वाले कुक -कम -हेल्पर को खाना पकाने के से लेकर खाना परोसने तथा साफ-सफाई और भंडारण के सही तरीके को लेकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है.जयपुर के होटल प्रबंधन संस्थान में कुक- कम- हेल्पर को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है. यह मास्टर ट्रेनर जिलों में अन्य कुक कम हेल्पर को प्रशिक्षित करेंगे. साथ ही कुक के बेहतर प्रशिक्षण के लिए यूट्यूब पर वीडियो भी अपलोड किए जा रहे हैं.
स्कूल में बच्चों को भोजन देने की स्कीम है मिड डे मील
मिड-डे मील योजना केन्द्र सरकार के द्वारा शुरू की गई एक योजना है जिसके अन्तर्गत पूरे देश के प्राथमिक और लघु माध्यमिक विद्यालयों के छात्रों को दोपहर का भोजन निःशुल्क प्रदान किया जाता है। इस योजना में केन्द्र और राज्य सरकारें 75:25 के अनुपात में व्यय करती हैं.