
Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर (Jaipur) के भट्टा बस्ती (Bhatta Basti) इलाके से बुधवार को बाल श्रम (Child Labour) का एक ऐसा सनसनीखेज मामला सामने आया, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया. जिस उम्र में बच्चों को खेलना और पढ़ना चाहिए, उस उम्र में इन मासूमों के कंधों पर 20 घंटे के काम का बोझ डाला जा रहा था, और बदले में उन्हें जानवरों जैसा बर्ताव मिल रहा था. बिहार के गया जिले से लाए गए 7 बच्चों को घुमाने के बहाने जयपुर लाया गया था, लेकिन यहां उन्हें एक घर में कैद कर दिया गया.
16-20 घंटे काम, सिर्फ एक टाइम का खाना
जांच में सामने आया है कि इन बच्चों को चूड़ी बनाने के कारखाने में कैद रखा जाता था. बच्चों का शोषण किस हद तक किया जा रहा था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें रोजाना 16 से 20 घंटे तक जबरन काम करवाया जाता था. खाने में सिर्फ एक टाइम का खाना दिया जाता था. बीते दो-तीन महीने से उन्हें घर के अंदर कैद करके रखा गया था और बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा था.
मौका मिला और भागकर कब्रिस्तान में छिपे
बच्चों को जब यह कैद असहनीय हो गई, तो उन्होंने भागने का फैसला किया. पुलिस के अनुसार, 20 अक्टूबर को दीपावली वाले दिन बच्चों को मौका मिला और वह घर से भाग निकले. रास्ता भटकने के बाद, डर के मारे ये बदहवास बच्चे भट्टा बस्ती इलाके के एक कब्रिस्तान में जाकर छिप गए. स्थानीय लोगों ने जब बच्चों को कब्रिस्तान के बाहर व्याकुल अवस्था में बैठे देखा, तो उन्होंने तत्काल पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी. सूचना मिलते ही भट्टी बस्ती थाना पुलिस और बाल कल्याण समिति (CWC) की टीम मौके पर पहुंची.
पुलिस ने किया रेस्क्यू, आरोपी फरार
भट्टा बस्ती थानाधिकारी दीपक त्यागी ने मीडिया को बताया, 'हमें 20 अक्टूबर को सुबह 8-9 बजे पुलिस कंट्रोल रूम से सूचना मिली थी. जब हम कब्रिस्तान पहुंचे, तो बच्चे बुरी हालत में मिले. शुरू में बच्चे काफी डरे हुए थे और बात करने को तैयार नहीं थे. कुछ देर बाद बच्चों ने बताया कि उन्हें शमशाद मियां नाम का व्यक्ति गांव से लाया था, जिसने यहां कैद कर चूड़ी बनाने का काम करवाया और रोज मारपीट करता था.'
घर पर दबिश, आरोपी पहले ही फरार
सीआई दीपक त्यागी ने पुष्टि की कि आरोपी शमशाद मियां के खिलाफ तत्काल रिपोर्ट दर्ज की गई. पुलिस टीम जब आरोपी के घर दबिश देने पहुंची, तो आरोपी ताला लगाकर मौके से फरार हो चुका था. पुलिस को आशंका है कि आरोपी के कारखाने में और भी कई बाल मजदूर हो सकते हैं. फिलहाल पुलिस की टीमें फरार आरोपी की तलाश में जुटी हैं. पुलिस अब इस पूरे रैकेट की जड़ तक पहुंचने की तैयारी कर रही है.
ये भी पढ़ें:- जयपुर सेंट्रल जेल की सुरक्षा में लगी सेंध, मोबाइल-सिम के बाद मिले 2 संदिग्ध पार्सल; जेल प्रशासन की उड़ी नींद