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Rajasthan: एशियन यूथ गेम्स में सफाई कर्मचारी की बेटी करेगी भारत का प्रतिनिधित्व, गरीबी से टूटा था अबू धाबी का सपना

जालोर की 16 साल की हर्षिता परिवार के साथ देश का नाम भी रोशन कर रही है. वह बहरीन में होने वाले एशियन यूथ गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही है.

Rajasthan: एशियन यूथ गेम्स में सफाई कर्मचारी की बेटी करेगी भारत का प्रतिनिधित्व, गरीबी से टूटा था अबू धाबी का सपना
हर्षिता कुमारी
NDTV

Jalore News: राजस्थान के जालोर की 16 वर्षीया लड़की ने अपने साहस से एक बेहतरीन मिसाल कायम की है. आर्थिक तंगी के बावजूद, हर्षिता कुमारी ने एशियन यूथ गेम्स ( Asian youth Games) में भाग लेने का अपना सपना पूरा किया है. वह 22 से 31 अक्टूबर तक बहरीन में  खेले जा रहे  एशियन यूथ गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही है. यह खेल एशियाई ओलंपिक परिषद द्वारा आयोजित किया जा रहा है.

 पूरे देश से सिर्फ 9 खिलाड़ी चुने गए

हर्षिता मुए थाई  (Muay Thai) के जरिए एशियन यूथ गेम्स ( Asian youth Games) में पूरे भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी. देशभर में इस खेल में सिर्फ 9 खिलाड़ियों का चयन हुआ है, जिनमें जालोर की हर्षिता भी शामिल हैं. कुछ महीने पहले उनका चयन अबू धाबी यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए भी हुआ था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वे इसमें हिस्सा नहीं ले पाई थीं.

भामाशाहों ने की मदद, फिर भी सपना नहीं हुआ साकार

हर्षिता के पिता जिले की नगर परिषद में सफाई कर्मचारी हैं. जिस वजह से वे अबू धामी जाने का खर्च नहीं उठा सकते थे. इसके चलते वह नहीं जा सकी. लेकिन उसकी लगन और मेहनत को देखते हुए विधायक जोगेश्वर गर्ग और कलेक्टर प्रदीप के. गावंडे ने लगभग डेढ़ लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की, लेकिन तब तक प्रतियोगिता में भाग लेने की अंतिम तिथि बीत चुकी थी. उस समय हर्षिता अपने सपने के टूटने से निराश जरूर हुई, लेकिन उसने इस निराशा को अपनी ताकत में बदल दिया और अब वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करने जा रही है.

नेशनल गोल्ड जीत चुकी हैं हर्षिता

हर्षिता ने श्रीगंगानगर में स्टेट लेवल और रोहतक (हरियाणा) में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित मुए थाई प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीते हैं. उनके कोच भागीरथ गर्ग कहते हैं, "हर्षिता पिछले पांच सालों से क्रीड़ा भारती जालोर की ओर से शहीद भगत सिंह स्टेडियम में प्रशिक्षण ले रही है. उसमें अपार क्षमता है. भविष्य में वह ओलंपिक में भी देश का प्रतिनिधित्व करना चाहती है."

पिता बोले - ‘हर्षिता मेरा और समाज का गर्व है'

हर्षिता के पिता यशपाल  , जो जालोर नगर परिषद में सफाई कर्मचारी हैं, ने बताया कि परिवार में वे ही अकेले कमाने वाले हैं और उनकी पांच बेटियां हैं. आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद हमने हर्षिता के सपनों को रुकने नहीं दिया. आज वह सिर्फ हमारे परिवार ही नहीं, बल्कि पूरे समाज का गर्व है.”

क्या है मुए थाई 

मुए थाई थाईलैंड का राष्ट्रीय खेल है. यह बॉक्सिंग और वुशू का मिश्रण है, जिसमें मुक्के, लात, घुटने और कोहनी- सभी का उपयोग किया जाता है. इस खेल में शारीरिक ताकत के साथ-साथ मानसिक संतुलन भी अहम भूमिका निभाता है.

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