
Rajasthan News: राजस्थान के झालावाड़ जिले में बिजली चोरी रोकने के लिए जयपुर डिस्कॉम और जिला पुलिस ने मिलकर एक बड़ा अभियान चलाया. इस विशेष कार्रवाई को ‘ऊर्जा प्रहार' नाम दिया गया. बुधवार को शुरू हुआ यह अभियान आधी रात से लेकर सुबह तक चला. इसमें 48 टीमें और 170 बिजली विभाग के कर्मचारियों के साथ 350 पुलिसकर्मी शामिल थे.
कोटा और बारां से भी आईं टीमें
इस अभियान को और मजबूत करने के लिए कोटा और बारां जिले से 12 अधिशासी और सहायक अभियंताओं की टीमें झालावाड़ भेजी गईं. पूरे जिले को सात जोन में बांटा गया. प्रत्येक जोन में बिजली विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी या पुलिस के वृत्ताधिकारी को नेतृत्व सौंपा गया. यह पहली बार था जब बिजली चोरी के खिलाफ इतना बड़ा संयुक्त अभियान चलाया गया.
जानें क्या था अभियान का लक्ष्य
‘ऊर्जा प्रहार' का मकसद उन लोगों पर नकेल कसना था जो संगठित रूप से बिजली चोरी करते हैं. खासकर उन अपराधियों पर नजर थी जो मादक पदार्थों की तस्करी और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल हैं. अभियान में बिजली चोरी के तरीकों जैसे अवैध कनेक्शन, मीटर छेड़छाड़ आदि की जांच की गई.
10 घंटे में 700 जगहों पर कार्रवाई
आधी रात से शुरू हुए इस अभियान में करीब 10 घंटे तक झालावाड़ शहर, झालरापाटन, बकानी, भवानीमंडी, मिश्रोली, पगारिया, गंगधार, डग, उन्हेल, पिड़ावा, सुनेल, रायपुर, असनावर, मनोहरथाना, भालता, अकलेरा और खानपुर जैसे इलाकों में कार्रवाई की गई. कुल 700 जगहों पर छापेमारी में 371 मामलों में बिजली चोरी पकड़ी गई. इनमें 1 करोड़ 20 लाख रुपये की वसूली के लिए वीसीआर (विद्युत चोरी रसीद) भरी गई.
लोगों में जागरूकता का संदेश
यह अभियान न केवल बिजली चोरी रोकने के लिए था बल्कि लोगों को यह संदेश देने के लिए भी था कि बिजली चोरी एक गंभीर अपराध है. जयपुर डिस्कॉम और पुलिस ने चेतावनी दी है कि भविष्य में भी ऐसे अभियान जारी रहेंगे.
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