
Rajasthan News: जयपुर में एसएमएस मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग ने चिकित्सा क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. यहां के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने एक मानसिक रूप से अस्वस्थ युवक के शरीर से तमाम नुकीली, भारी और खतरनाक मेटल सामग्री (घड़ी, नट-बोल्ट और कील) को सफलता से बाहर निकाल कर उसकी जान बचाई.
मानसिक बीमार था युवक
बागौर निवासी 26 वर्षीय सुभाष पिछले डेढ़ महीने से मानसिक बीमारी से ग्रसित था. इसी वजह से उसने लोहे की कई वस्तुएं खा ली थीं. लगातार पेट दर्द और उल्टियों के बाद उसे SMS अस्पताल लाया गया. जांच के दौरान डॉक्टरों ने पाया कि सुभाष की आहारनली (फूड पाइप) में घड़ी और आंतों में नट, बोल्ट, कील फंस गए हैं.
सर्जरी टीम ने पहले एंडोस्कोपी के ज़रिए इन्हें निकालने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सके. इसके बाद जनरल सर्जन डॉ. शालू गुप्ता और डॉ. फारुख खान के नेतृत्व में मरीज का ऑपरेशन VATS (वीडियो असिस्टेड थोरैकोस्कोपिक सर्जरी) सिस्टम के जरिए किया गया.
3 घंटे तक चला ऑपरेशन
इस तकनीक में बिना बड़े चीरे के दूरबीन की सहायता से घड़ी को सफलतापूर्वक निकाला गया, जबकि पेट पर छोटा चीरा देकर बाकी नट, बोल्ट और कीलें बाहर निकाली गईं. करीब तीन घंटे चले इस ऑपरेशन में मरीज की जान बच गई और फिलहाल उसकी स्थिति स्थिर है.
सर्जरी टीम में डॉ. अमित गोयल, डॉ. देवेंद्र सैनी, डॉ. हरकिरत मैनी, डॉ. नवेंद्र अग्रवाल व एनेस्थीसिया टीम में डॉ. कंचन, डॉ. सुनील चौहान, डॉ. इन्दु और डॉ. प्रतिमा शामिल रहीं. जबकि नर्सिंग स्टाफ और अन्य सहयोगियों ने ऑपरेशन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई. विभागाध्यक्ष डॉ. प्रभा ओम समेत वरिष्ठ डॉक्टरों ने पूरी टीम को इस शानदार सफलता के लिए बधाई दी है.
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