Jaisalmer Govt Hospital: जैसलमेर के सबसे बड़े जिला अस्पताल में 52 दिनों से सीटी स्कैन की सुविधा बंद है. राजकीय जवाहर अस्पताल में पीपी मोड पर इसका अनुबंध किया गया था. जानकारी के मुताबिक 26 अगस्त को सीटी स्कैन मशीन खराब हो गई थी, जिसके बाद से यहां जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं है. सीटी स्कैन (CT scan) बंद होने से मरीज निजी लैब में टेस्ट करवाने को मजबूर हैं. निजी केंद्रों पर होने वाली सीटी स्कैन की यह जांच की कीमत करीब 2300 से 3800 रुपए तक है. जिससे मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. वहीं, सरकारी हॉस्पिटल (Govt Hospital) में इलाज कराने आए मरीजों को रिपोर्ट के लिए निजी लैब के चक्कर भी काटने पड़ते हैं.
कंपनी का 18 लाख रुपए बिल बकाया तो जांच कर दी बंद
अस्पताल में इस जांच के लिए सिद्धार्थ डायलिसिस का अनुबंध लिया हुआ है. यहां लगी मशीन काफी पुरानी होने से बार-बार तकनीकी खराबी हो जाती है. साथ ही इस मॉडल की मशीन बनानी भी बंद कर दी गई है. इस कंपनी का साल 2023-24 का करीब 18 लाख रुपए का भुगतान बकाया चल रहा है. लाखों रुपए बकाया होने के बाद कंपनी ने जांच सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मना कर दिया है. कंपनी अस्पताल प्रबंधन से बकाया भुगतान करने की मांग कर रही है.
ट्रोमा सेंटर के मरीजों को आ रही सबसे ज्यादा परेशानी
जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में फिलहाल रोजाना 15 से 20 मरीजों के सीटी स्कैन हो रहा था. 52 दिनों से मशीन बंद होने के कारण अब तक करीब 800 से 950 मरीजों को सीटी स्कैन बाहर से करवानी पड़ी है. सबसे बड़ी परेशानी ट्रोमा सेंटर के मरीजों कों हो रही है. क्योकि ट्रोमा के मरीजों के लिए सीटी स्कैन की जांच बेहद बुनियादी सुविधाओं में से एक है. ट्रोमा सेंटर में ज्यादातर मरीज हेड इंजरी व फ्रैक्चर के आते हैं. इन मरीजों का इलाज शुरु करने से पहले सीटी स्कैन करना जरुरी होता है. अस्पताल में सीटी स्कैन नहीं होने से गंभीर मरीजों का समय बर्बाद हो रहा है. हॉस्पिटल के पीएमओ डॉ. चंदनसिंह तंवर ने बताया कि पहले सीटी स्कैन मशीन की ट्यूब खराब हो गई थी, जिसके बाद कम्पनी ने पिछले साल भुगतान नहीं होने तक काम रोक दिया. उच्च स्तर से इस साल के भुगतान की बात की है, जल्द व्यवस्था सुधर जाएगी.
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