Jaisalmer News: नवोदय विद्यालय में पढ़ना हर बच्चे का सपना होता है लेकिन अगर उससे वह मौका चला जाय तो उसे आजीवन पछताना पड़ता है. ऐसा ही कुछ मामला जैसलमेर जिले में हुआ है लेकिन यहां लापरवाही स्कूल के शिक्षकों ने की है, वहीं नवोदय विद्यालय के प्रवेश परीक्षा में शामिल नहीं हो पाने पर विद्यालय पर बच्चों और ग्रामिणों ने ताला जड़ दिया. जिले के मोहनगढ कस्बे के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रामपुरा में आज शनिवार को ग्रामीणों द्वारा तालाबंदी कर विद्यालय के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. रामपुरा सरकारी स्कूल पर ग्रामीणों के बाहर विरोध के दौरान ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि विद्यालय की लापरवाही की वजह से जवाहर नवोदय की भर्ती परीक्षा में स्कूल के 14 बच्चे वंचित रह गए.
बच्चों को समय पर भर्ती परीक्षा के प्रवेश पत्र नहीं मिले जिससे वे परीक्षा नहीं दे पाए और उनका भविष्य खराब किया. इस मामले की जानकारी मोहनगढ़ थाना पुलिस को दी गई जिस पर मोहनगढ़ थाना पुलिस ने स्कूल प्रशासन व ग्रामीणों के बीच समझाइश करवाकर स्कूल का ताला खोला.
14 बच्चे परीक्षा से रहा गए वंचित
ग्रामीणों ने बताया कि रामपुरा स्कूल में 14 बच्चों का जवाहर नवोदय विद्यालय में कक्षा 6 में प्रवेश परीक्षा को लेकर आवेदन किया गया था. जिसकी प्रवेश परीक्षा 20 जनवरी 2024 को हो गई थी, लेकिन स्कूल के टीचरों द्वारा जानकारी नहीं देने के कारण 14 बच्चे परीक्षा से वंचित रह गए इसको लेकर ग्रामीणों ने स्कूल का तालाबंदी कर विरोध प्रदर्शन किया गया.
कलेक्टर से करेंगे शिकायत
तालाबंदी करीब दो घण्टे कर कर टीचरों के खिलाफ नारेबाजी की गई. जिसकी जानकारी मोहनगढ पुलिस को मिलने के बाद मोहनगढ पुलिस रामपुरा स्कूल पहुंच कर ग्रामीणों से समझाइस करने के बाद ग्रामीणों ने स्कूल के ताले खोलकर बच्चों व टीचरों को अंदर जाने दिया गया, हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि वे इस मामले की कलेक्टर को शिकायत करेंगे.
शर्दियों की छुट्टी में हो गया झोल
स्कूल की प्रधानचार्य रेणू थानवी ने बताया कि सर्दियों की छुट्टियों से पहले सभी बच्चो को जवाहर नवोदय विद्यालय की कक्षा 6 की प्रवेश परीक्षा को लेकर बताया गया था. उसके बाद राज्य सरकार की ओर 16 जनवरी तक कक्षा 1 से 8वीं तक शर्दियों की छुट्टियां चल रही थी.
बच्चों के परिजनों को नहीं दी जानकारी
उसके बाद 18 जनवरी को स्कूल खुली थी, जिसमे घरेलू कार्य होने के कारण एक दिन का अवकाश लिया था. जिसके कारण बच्चो व परिजनों को इसकी जानकारी नही दी गई थी. जिसके कारण 14 बच्चे जवाहर नवोदय विद्यालय की कक्षा 6 में प्रवेश परीक्षा देने से वंचित रह गए थे.
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