
Rajasthan News: जैसलमेर जिले के फलसूण्ड की बेटी प्रेक्षा कोचर 3 सितंबर को अहमदाबाद के कोबा में तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण के सानिध्य में जैन दीक्षा लेंगी. कर्नाटक के गंगावती में रहने वाली प्रेक्षा के इस फैसले ने उनके परिवार और जैन समाज को गौरवान्वित किया है. दीक्षा से पहले फलसूण्ड में उनके ननिहाल में भव्य वरघोड़ा निकाला गया, जिसमें जैन समाज के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए.
भव्य वरघोड़ा बना आकर्षण का केंद्र
प्रेक्षा के दीक्षा समारोह से पहले फलसूण्ड में गाजे-बाजे के साथ वरघोड़ा निकाला गया. सजे हुए आकर्षक वाहन में दीक्षार्थी प्रेक्षा विराजमान थीं. 'दीक्षार्थी अमर रहे' के जयघोष और भजनों के बीच वरघोड़ा फलसूण्ड के मुख्य मार्गों से होकर उनके ननिहाल पहुंचा. रास्ते में जगह-जगह फूलों से स्वागत किया गया. जैन समाज के लोगों ने इसे ऐतिहासिक और स्वर्णिम दिन बताया. महिलाओं ने मंगल गीत गाकर प्रेक्षा को आशीर्वाद दिया.
प्रेक्षा की प्रेरणादायक सोच
धार्मिक परिवार से ताल्लुक रखने वाली प्रेक्षा का कहना है कि उनके पहले गुरु उनके माता-पिता हैं, जिनके प्रति वे हमेशा ऋणी रहेंगी. प्रेक्षा ने बताया कि गुरु के पास पढ़ाई के दौरान उन्हें एहसास हुआ कि सच्चा सुख भौतिक सुख-सुविधाओं में नहीं, बल्कि आत्मा के भीतर है. वे कहती हैं, "सुख और दुख मन के विकार हैं. राग और अहंकार से दूर रहकर ही सच्चा सुख मिलता है." इसी सोच ने उन्हें दीक्षा लेने का संकल्प दिलाया.
परिवार और समाज में उत्साह
प्रेक्षा के पिता राजेंद्र कुमार और माता पुष्पा देवी अपनी बेटी के इस फैसले पर गर्व महसूस कर रहे हैं. सालेचा परिवार ने समारोह में सभी का स्वागत किया. जैन समाज ने इसे फलसूण्ड के लिए गर्व का पल बताया.
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