Jhalawar Hospital: राजस्थान के झालावाड़ में स्थित श्री राजेंद्र सार्वजनिक चिकित्सालय एवं झालावाड़ मेडिकल कॉलेज ठेकेदार एजेंसियों की वजह से आंदोलन का अखाड़ा बनकर रह गया है. यहां पर काम करने वाले ठेका कर्मी आए दिन आंदोलन करने पहुंच जाते हैं. इसका खामियाजा यहां भर्ती मरीज और आम जनता को भुगतना पड़ता है. ठेका कर्मियों की अपनी समस्याएं हैं जिसको लेकर उन्हें बार-बार आंदोलन करना पड़ता है. तभी जाकर उनकी सुनवाई हो पाती है. मामले की पूरी जानकारी जिला प्रशासन को भी है, इसके बावजूद प्रशासन द्वारा भी इस समस्या के समाधान करने के लिए कोई कठोर कदम नहीं उठा रहा है.
ठेका कर्मी के आंदोलन से अस्पताल की व्यवस्थाएं होती है बाधित
वेतन, एरियर और पीएफ की समस्या यहां पर लगातार बनी रहती है. ऐसे में अल्प वेतन पर काम करने वाले ठेका कर्मी आर्थिक तंगी के चलते आंदोलन की राह लेने को मजबूर होते हैं. जानकारी के लिए आपको बता दें कि झालावाड़ अस्पताल में स्टाफ और सिक्योरिटी सप्लाई के लिए दो कंपनियां काम करती हैं. जिनके द्वारा यहां कई ठेका कर्मी की नियुक्तियां की जाती हैं. जिनका वेतन भी नियमानुसार कम ही होता है, किंतु यह एजेंसियां ठेका कर्मियों को लंबे समय तक भुगतान नहीं करती है. पीएफ और एरियर को लेकर इनमें हमेशा टकराव होता रहता है. इसके चलते यहां की व्यवस्थाएं लगातार बाधित रहती हैं.
सोमवार को भी झालावाड़ अस्पताल में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला. जब प्लेसमेंट कर्मचारी हड़ताल पर उतर गए और मरीजों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा. काउंटरों पर लंबी-लंबी कतारें लग गई और अस्पताल की व्यवस्थाएं काफी देर तक बाधित रहीं.
कर्मचारियों को भुगतान नहीं
प्लेसमेंट कर्मचारी संघ के अध्यक्ष कैलाश मेहरा ने बताया कि प्लेसमेंट एजेन्सी रक्षक सिक्योरिटी की ओर से कर्मचारियों के वेतन का भुगतान ৪ जुलाई तक नहीं किया गया है. 5 जुलाई तक कर्मचारियों का भुगतान निविदा शर्तों के अनुसार नहीं किया गया तो 10 प्रतिशत सुरक्षा राशि से पेनल्टी काटी जाने के प्रावधान है. इसलिए प्रशासन प्लेसमेंट एजेन्सी का 10 प्रतिशत सुरक्षा राशि में कटौती करने की कार्रवाई करें और व्यास सिक्युरिटी (पिछला ठेकेदार) की ओर से एरियर और पीएफ का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है. इसकी लिखित में शिकायत भी की गई पर अभी तक अधिकारियों ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की हैं. इस ठेकेदार की सुरक्षा राशि मेडिकल कॉलेज के पास जमा है, इससे कर्मचारियों का भुगतान करवाया जा सकता है. बताया की इस बाबत एक ज्ञापन जिला कलेक्टर को भी सौंपा गया है.
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