
Rajasthan: राजस्थान के झालावाड़ ज़िले में शुक्रवार, 25 जुलाई को स्कूल की छत गिरने से हुए हादसे में 7 मासूम बच्चों की जान चली गई. एक सरकारी स्कूल में पढ़ाई करने गए बच्चों के मारे जाने की इस दुर्घटना से पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. दुर्घटना वाले दिन स्कूल की कई बच्चियों ने बताया कि स्कूल में छत से कंकड़ गिर रहे थे और उन्होंने एक शिक्षक को बताया, लेकिन उसने बच्चों को डांटते हुए क्लास में भेज दिया और खुद बाहर नाश्ता करता रहा. और इसके कुछ ही देर बाद स्कूल की छत गिर गई. इस बीच अब पिपलोदी गांव के इस स्कूल की प्रिंसिपल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है जिसमें उसने बताया कि हादसे वाले दिन क्या हुआ. स्कूल की इस कार्यवाहक प्रिंसिपल मीना गर्ग को सस्पेंड कर दिया गया है.
प्रिंसिपल का वीडियो
प्रिंसिपल मीना गर्ग ने इस वीडियो में कहा कि वो सुबह साढ़े सात बजे स्कूल पहुंच गई थीं और तब बारिश हो रही थी. बरामदा और चौतान गीला होने की वजह से बच्चों को प्रार्थना के लिए क्लास में ही जाने के लिए कहा गया, क्योंकि बारिश होने पर ऐसे ही प्रार्थना करवाई जाती है. प्रिंसिपल ने कहा,"हमने बच्चों को इकट्ठा किया, मैं उसी कमरे में थी, और दूसरे कमरे से बच्चों को बुलाने गई. लेकिन, जैसे ही बाहर गई अचानक से हादसा हो गया."

मीना गर्ग 9 साल से स्कूल में पढ़ा रही थीं
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'जर्जर नहीं था स्कूल'
प्रिंसिपल ने इस वीडियो में एक और चौंकाने वाला दावा किया है कि स्कूल की इमारत जर्जर नहीं थी. उसने कहा,"स्कूल कोई जर्जर नहीं था, 2022-23 में स्कूल की छत की सरपंच के द्वारा मरम्मत करवाई गई थी. स्कूल के दो कमरों में पानी टपकता था तो हमने उनको लॉक किया हुआ है और कभी भी बच्चों को वहां नहीं भेजते."
'वो सारे मेरे ही बच्चे थे'
प्रिंसिपल ने बताया कि जिस क्लास में हादसा हुआ उसकी छत की रिपेयरिंग की गई थी, और उससे पानी नहीं टपकता था. इस वीडियो के अंत में प्रिंसिपल अपनी बात कहते हुए रो पड़ती है. वह कहती है,"वो सारे मेरे ही बच्चे थे, मैं यहां 9 साल से पढ़ा रही थी. एक-एक बच्चे का चेहरा मेरी आंखों के सामने आ रहा है."
देखिए प्रिंसिपल ने क्या कहा- Video
#झालावाड़
— Arvind Chotia (@arvindchotia) July 27, 2025
छत बिल्कुल नहीं टपकती थी। जिन 2 कमरों में पानी टपकता था, वो बंद हैं। सरपंच ने 2022-23 में सरपंच ने छत का काम करवाया था। खर्चा कितना हुआ यह भी सरपंच ही जानते हैं। सब बच्चे मेरे ही थे।
बोलते बोलते रो पड़ीं पिपलोदा के स्कूल की प्रधानाध्यापिका मीना गर्ग pic.twitter.com/qOXzcUVS0i
प्रिंसिपल को किया गया सस्पेंड
हालांकि पिपलोदी स्कूल में हुए हादसे के बाद स्कूल के छात्र और स्थानीय ग्रामीणों ने स्कूल की हालत की शिकायत की है. उन्होंने बताया है कि स्कूल की इमारत की छत से अक्सर कंकड़ पत्थर गिरते थे और इसकी कई बार स्कूल, सरपंच और अधिकारियों से शिकायत की जा चुकी थी लेकिन उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया गया.
हादसे के बाद राजस्थान शिक्षा विभाग ने उसी दिन कार्यवाहक प्रिंसिपल मीना गर्ग, प्रबोधक बद्रीलाल लोधा, शिक्षक कन्हैया लाल सुमन, राम बिलास लववंशी और जावेद अहमद को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया था. इसके अगले दिन, रविवार 27 जुलाई को झालावाड़ के ज़िला शिक्षा अधिकारी नरसो मीणा समेत 6 अधिकारियों और कर्मचारियों को भी निलंबित कर दिया गया.
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