झुंझुनू के बुहाना के पालोता गांव के एसएसबी में श्रीनगर कार्यरत हैड कांस्टेबल मुकेश गजराज का हृदयगति रुकने से देहांत हो गया. बुधवार को उनका सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया. इससे पहले मुकेश गजराज का पार्थिव देह मंगलवार रात को सिंघाना थाना परिसर में पहुंची. जहां से युवाओं ने डीजे के साथ तिरंगा रैली निकाल गांव पहुंचे. इस दौरान जगह-जगह ग्रामीणों ने पुष्प वर्षा कर पार्थिव देह नमन किया.
मुकेश अपने माता-पिता का एकलौता बेटा था. उसके पिता का पहले ही देहांत हो गया था.अपने पति की मौत की खबर सुनकर उसकी पत्नी रेखा और पांच साल के बेटे क्रिश और 1 साल के पीयूष का रो-रोकर बुरा हाल रहा, वहीं मां अपने बेटे की मौत का समाचार पाकर बेसुध हो गई. मुकेश एक महीने पहले ही छुट्टी पर घर आए थे. दो दिन पहले तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन मुकेश का निधन हो गया. हार्ट अटैक से निधन होना बताया जा रहा हैं.
रविवार दोपहर एसएसबी के जवान की टूकड़ी तिरंगे में लिपटा अपने साथी मुकेश के शव को परिवारजनों को अंतिम संस्कार के लिए सौंपा. उनकी अंतिम यात्रा में आसपास के गांवों के सैकड़ों लोग शामिल हुए. श्मशान भूमि पर अलवर से आए एसएसबी के जवानों की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम विदाई दी.
हेड कॉन्स्टेबल मुकेश कुमार वर्ष 2011 में सलोनी बड़ी असम में एसएसबी में भर्ती हुए थे. वर्तमान में वह हेड कॉन्स्टेबल के पद पर श्रीनगर में कार्यरत थे.
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