Rajasthan News: राजस्थान के जोधपुर शहर में अब नगर निगम की सत्ता अधिकारियों के कंधों पर आ गई है. दो नगर निगमों का पांच साल का कार्यकाल खत्म होने के बाद राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अब शहर की पूरी कमान प्रशासन के हाथों में होगी जिससे विकास कार्यों में तेजी आने की उम्मीद है.
दो निगमों का अंत और एक का जन्म
रविवार को जोधपुर के नगर निगम उत्तर और दक्षिण का निर्वाचित बोर्ड खत्म हो गया. पहले उत्तर में कांग्रेस का बोर्ड था जबकि दक्षिण में भाजपा की सत्ता चल रही थी. दोनों निगमों में 80-80 पार्षद थे जो शहर के अलग-अलग हिस्सों का ध्यान रखते थे. अब सरकार ने दोनों को मिलाकर एक ही नगर निगम बनाने का ऐलान किया है जिसमें कुल 100 वार्ड होंगे. इससे शहर की व्यवस्था ज्यादा सुव्यवस्थित हो जाएगी और अनावश्यक खर्च कम होगा.
प्रशासक के रूप में प्रतिभा सिंह की एंट्री
राज्य सरकार ने संभागीय आयुक्त प्रतिभा सिंह को नगर निगम का प्रशासक बनाया है. सोमवार से ही सभी काम उनके निर्देशन में होंगे. जब तक नया बोर्ड चुनाव से नहीं चुना जाता तब तक शहर की पूरी जिम्मेदारी अंतरिम प्रशासन पर रहेगी. यह बदलाव जोधपुर जैसे छोटे शहर के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है जहां दो अलग-अलग निगमों की वजह से कभी-कभी कामों में देरी होती थी. अब एक ही छत के नीचे सब कुछ संभव होगा जिससे आम लोगों के काम आसान बनेंगे.
पार्षदों और लोगों की राय
एनडीटीवी की टीम ने शहर के आम लोगों और पूर्व पार्षदों से बात की. एक पूर्व पार्षद ने बताया कि कार्यकाल खत्म होने से अब जनता के बीच की कड़ी टूट गई है लेकिन एक निगम से काम तेज होंगे. वित्तीय बोझ कम होगा क्योंकि अधिकारियों की संख्या ज्यादा होने से खर्च बढ़ गया था. जोधपुर छोटा शहर है यहां दो निगमों की जरूरत नहीं थी अब विकास की रफ्तार बढ़ेगी. जनता को अब सीधे अधिकारियों से काम करवाने पड़ेंगे जो चुनौतीपूर्ण लेकिन प्रभावी हो सकता है. अन्य ने भी अपनी राय रखी. कई लोगों का कहना है कि एक निगम से शहर की सफाई सड़कें और पानी जैसी सुविधाएं बेहतर होंगी.
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