
जैसलमेर: सीमावर्ती जिले जैसलमेर में पिछले तीन दिन से सर्दी का असर तेज हो गया है. बढ़ती सर्दी को देखते हुए सड़क किनारे कड़ाके की सर्दी में सो रहे लोगो की चिंता अब देश की न्यायपालिका को सताने लगी है. जिसको देखते हुए रात को न्यायाधीश खुद सड़क पर उतर कर व्यवस्थाओ को दुरसत करने का प्रयास करते दिखे. ताकि कोई भी ठण्ड से ना कपकपाए और न ही ठंड की वजह से किसी की मौत हो.
इसको देखते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुरण कुमार शर्मा व विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव सुनील कुमार बिश्नोई ने शहर में स्थित रैन बसेरे का निरीक्षण किया. इसमें कई खामियां भी सामने आई. वही एक रेन बसेरा बंद भी नजर आया. न्यायाधीश पुरण कुमार शर्मा ने नगर परिषद स्थित स्थाई रैन बसेरे का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की जांच की. निरीक्षण के दौरान मिली खामियों को दुरुस्त करने के भी निर्देश भी उन्होंने दिए. साथ ही सड़क किनारे सो रहे लोगों को रैन बसेरे की जानकारी दी.
न्यायाधीश रेन बसरे खोलने के दिए निर्देश
जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुरण कुमार शर्मा ने बताया कि निरीक्षण के दौरान रैन बसेरे में सभी मूलभूत सुविधाओं का निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के दौरान मौसम के अनुकूल पर्याप्त मात्रा में दरी, गद्दे, चादर-तकिया, कम्बल, रजाई, पीने योग्य पानी की उपलब्धता की जांच की गई.
मूलभूत सुविधाओं को मुहैया कराने के निर्देश दिए
साथ ही सफाई और स्वच्छता की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए. वहीं पुरुषों और महिलाओं के लिए पृथक-पृथक कमरे की भी व्यवस्था की गई है. साथ ही स्नान हेतु मौसम अनुकूल पानी की व्यवस्था, प्राथमिक स्वास्थ्य किट, न्यूनतम दरों पर भोजन व्यवस्था, बीमार व्यक्तियों को समुचित व्यवस्था आदि का निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश दिए.
प्राधिकरण सचिव ने बताया कि इस कड़कड़ाती ठण्ड के दौरान रैन बसेरों की जांच के लिए समय-समय पर निरीक्षण का अभियान चलाया जा रहा है. वही जब एक रेन बसेरा बंद नजर आया तो उसे तुरंत शुरु करने के निर्देश दिए है.
विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष पुरण शर्मा ने बताया कि हम सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार आश्रय स्थल का निरीक्षण करते हैं और जो कमियां होती है उन्हें सही करवाने का काम करवाते हैं.
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार किया निरीक्षण
निरीक्षण के दौरान दोनों ही जजों ने कमियों को जल्द से जल्द सही करवाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए. विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सुनील विश्नोई ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश अनुसार सभी रेन बसेरों का निरीक्षण किया गया. इसमें जो कमियां मिलीं है उसे अब अगले निरीक्षण तक सुधार करने के निर्देश दिए है.
कानून की अवहेलना पर होगी कार्यवाई
सर्वोच्च न्यायालय के स्पष्ट दिशा निर्देश है कि आजादी के बाद कोई भी व्यक्ति खुले आसमान के नीचे ना सोए. अभी चल रहे ठंड के मौसम में किसी की मौत नहीं होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट जो भी कहती है वह सख्त कानून होते हैं. अगर कानून की अवहेलना की जाएगी तो उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई होगी.
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