
Rajasthan News: कैलादेवी के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं का ट्रेनों से यहां आना शुरू हो गया है. गंगापुर सिटी का रेलवे स्टेशन इन दिनों कैला देवी यात्रियों से गुलजार है. मेले में जाने वाले यात्रियों की सुविधाओं को लेकर हिंडौन आगार सहित अन्य आगारों की रोडवेज बसों का संचालन बुधवार सुबह से शुरु किया गया है. इसके लिए गंगापुर सिटी रेलवे स्टेशन से बुधवार से अस्थायी रोडवेज स्टैंड बनाया गया है. इसकी स्वीकृति कोटा मंडल रेल प्रबंधक द्वारा जारी की गई हैं.
रोज चलाई जा रही 30 बसें, ट्रेन यात्रियों को फायदा
वर्तमान में यहां से 30 बसों का संचालन प्रतिदिन किया जा रहा है. यह संचालन 26 मार्च से 15 अप्रैल तक पूरे 24 घंटे किया जा रहा है, यानी यात्रियों की उपलब्धता के आधार पर उन्हें दिनरात कैलादेवी के लिए बसें मिल रही है. इसका सबसे ज्यादा फायदा ट्रेनों से आने वाले यात्रियों को मिल रहा है. वहीं रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा को देखते हुए जीआरपी व आरपीएफ के 40 से ज्यादा जवान लगाए गए है.
हिण्डौन आगार के मुख्य प्रबंधक जगतीत सिंह व गंगापुर सिटी मेला अधिकारी प्रभारी अरविंद कुमार ने बताया कि गंगापुर सिटी से लेकर कैलादेवी मेले तक का किराया राज्य सरकार द्वारा 50% छूट देने के बाद 25 रुपए है, जबकि 2 साल पहले 35 रुपये किराया था.
दिनरात चलेंगी बसें
मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु देशभर से आते हैं, इनमें सर्वाधिक श्रद्धालुओं की संख्या यूपी क्षेत्र की रहती हैं. राज्य के 45 रोडवेज आगारों की 280 बसों का संचालन 26 मार्च से 15 अप्रैल के बीच 7 यूनिटों से किया जा रहा है. कैला देवी मेले में आने वाले यात्रियों को दिनरात बस सुविधा उपलब्ध है.
आगरा कैंट से गंगापुर सिटी तक अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन
साथ ही स्टेशन पर यात्रियों के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा निशुल्क भोजन और पानी की व्यवस्था भी की गई है और कई भंडारे संचालित हैं. रेलवे मंत्रालय ने भी यात्रियों की भीड़ को देखते हुए अलग से अतिरिक्त ट्रेनों के संचालन की व्यवस्था भी की है, आगरा कैंट से गंगापुर सिटी के लिए अतिरिक्त रेलों का संचालन किया जा रहा है.
टिकट आरक्षण प्रभारी रामचरण गुर्जर ने बताया कि प्रतिदिन लगभग 5000 श्रद्धालु कैला देवी के लिए आ रहे हैं. कई अन्य गाड़ियों का प्रबंध भी 12 अप्रैल तक के लिए किया गया है.
ये भी पढ़ें- Navratri 2025: राजस्थान का ऐसा शक्तिपीठ जहां देखरेख करते हैं पुलिस के जवान, इस ऐतिहासिक मंदिर की है खास मान्यता