
Karauli News: राजस्थान के सरकारी स्कूलों के छात्र अब अंतरराष्ट्रीय मिशन पर देश के साथ साथ प्रदेश का नाम रोशन करने की तैयारी में हैं. करौली जिले के स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूल के पांच छात्रों का हाल ही में ‘एस्टरॉयड सर्च कैंपेन 2025' के लिए चयन हुआ है, जिसमें ये छात्र अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के साथ मिलकर काम करेंगे.
खुशी की छाई लहर
यह एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का वैज्ञानिक अभियान है, जो नासा के सहयोग से अंइंटरनेशनल ऐस्टरॉयड सर्च कोलेबोरेशन (IASC) के माध्यम से चलाया जा रहा है. इन छात्रों के चयन से विद्यालय और जिले में खुशी की लहर दौड़ गई है.
अंतरिक्ष में घूम रहे नए एस्टरॉयड की करेंगे पहचान
इस अभियान के लिए स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूल के कक्षा 9 से 12वीं तक के छात्र प्रखर औदिच्य, आलिया इमाम, राधा प्रजापत, अंकित मीणा और राहुल प्रजापत को चुना गया है. ये सभी विद्यार्थी नासा के जरिए उपलब्ध कराए गए टेलिस्कोपिक डेटा के आधार पर अंतरिक्ष में घूम रहे छोटे पिंडों, यानी संभावित एस्टरॉयड की पहचान करेंगे. इसके लिए वे विशेष प्रकार के खगोल सॉफ्टवेयर का उपयोग करेंगे, जो उन्हें एक कंप्यूटर में इंस्टॉल करना होगा.
45 दिनों तक छात्र खोज में लगे रहेंगे
इस कार्य में विद्यालय के अटल टिंकरिंग लैब के प्रभारी अमित कुमार शर्मा का मार्गदर्शन विद्यार्थियों को मिलेगा. इसके लिए उन्होंने इसरो निदेशक से ऑनलाइन प्रशिक्षण लिया है. जिसके बाद अब वे चयनित विद्यार्थियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण देकर इस मिशन के लिए तैयार कर रहे हैं. अगले 45 दिनों तक विद्यार्थी इस शोध कार्य में गहनता से लगे रहेंगे.
छात्रों को एस्टरॉयड खोजने पर मिलेगी अंतरराष्ट्रीय पहचान
45 दिन बाद यदि किसी छात्र की खोज सफल होती है और वह कोई नया एस्टरॉयड खोज लेता है तो उस छात्र का नाम भी उस एस्टरॉयड के नाम के साथ अंतरराष्ट्रीय डेटाबेस में दर्ज किया जाएगा. यह पहल विज्ञान और खगोल विज्ञान के क्षेत्र में छात्रों की रुचि और कौशल को बढ़ावा देने की दिशा में एक सराहनीय कदम है.
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