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करौली की बेटी नंदिनी अमेरिकी यूनिवर्सिटी के लिए चयनित, मिलेगी 2.50 करोड़ की स्कॉलरशिप; बताया कैसे पाई सफलता

Karauli Girl Success Story: करौली की नंदिनी अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी में पढ़ने जा रही है. जहां उन्हें अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए 2.5 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप मिलेगी. नंदिनी की कामयाबी से परिवार में खुशी का माहौल है.

करौली की बेटी नंदिनी अमेरिकी यूनिवर्सिटी के लिए चयनित, मिलेगी 2.50 करोड़ की स्कॉलरशिप; बताया कैसे पाई सफलता
करौली की नंदिनी जिनका अमेरिका की यूनिर्वसिटी में हुआ चयन.

Karauli Girl Success Story: राजस्थान का करौली जिला क्राइम के लिए कुख्यात है. यहां से कई बार क्राइम की ऐसी घटनाएं सामने आती है जो पूरे प्रदेश में सुर्खियों में आती है. लेकिन अब करौली के युवा पढ़ाई-लिखाई कर न केवल अपना बल्कि अपने जिले का नाम रोशन कर रहे हैं. इसी कड़ी में ताजा नाम करौली की बेटी नंदिनी शर्मा का आया है. नंदिनी अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी में पढ़ने जा रही है. जहां उन्हें अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए 2.5 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप मिलेगी. नंदिनी की कामयाबी से परिवार में खुशी का माहौल है. नंदिनी ने मीडिया से बात करते हुए अपनी सफलता का राज भी बताया है. 

यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू मैक्सिको में पीएचडी करेंगी नंदिनी

दरअसल नंदिनी शर्मा का अमेरिका की प्रतिष्ठित "यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू मैक्सिको" में चयन हुआ है. वो वहां फिश इम्यूनोलॉजी विषय में पीएचडी की पढ़ाई पूरी करेगी. नंदिनी की इस उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे जिले को गर्व से भर दिया है. खास बात यह है कि उनकी पीएचडी पूरी तरह से फंडेड है और उन्हें रिसर्च के लिए पांच सालों तक 2.50 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी.

दो साल तक लगातार की कड़ी मेहनत    

अपनी सफलता के बाबत नंदिनी ने बताया कि इस मुकाम को पाने के लिए उन्होंने लगातार दो साल तक कड़ी मेहनत की. अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया की कई शीर्ष यूनिवर्सिटीज में आवेदन करने के बाद अंततः उनका चयन यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू मैक्सिको में हुआ. नंदिनी ने बताया कि यह यूनिवर्सिटी रिसर्च और बायोलॉजी के क्षेत्र में अमेरिका की अग्रणी संस्थाओं में से एक है. उनकी पीएचडी के दौरान उन्हें हर साल 50 लाख रुपये की फंडिंग मिलेगी, जो उनकी पढ़ाई और रहने का खर्च कवर करेगी.

परिजनों के साथ करौली की बेेटी नंदिनी.

परिजनों के साथ करौली की बेेटी नंदिनी.

मेल से बातचीत फिर इंटरव्यू के बाद हुआ सलेक्शन

नंदिनी ने अपनी चयन प्रक्रिया के बारे में बताया कि सबसे पहले एप्लीकेशन के जरिए संबंधित प्रोफेसरों से संपर्क करना होता है. इसके बाद उनकी प्रोफाइल और शोध रुचि का गहन अध्ययन करना पड़ता है. मेल के माध्यम से बातचीत शुरू होती है और फिर इंटरव्यू के जरिए फाइनल चयन होता है.

दिल्ली एम्स में एक साल तक किया है रिसर्च वर्क

नंदिनी ने करौली से 12वीं और बीएससी की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद भुवनेश्वर की कलिंगा यूनिवर्सिटी से बायोटेक्नोलॉजी में मास्टर्स किया. दिल्ली एम्स में एक साल तक रिसर्च कार्य के दौरान उन्हें इस क्षेत्र में करियर बनाने की प्रेरणा मिली. नंदिनी का सपना है कि वह प्रोफेसर बनकर देश में रिसर्च के क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाएं. 

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