
राजस्थान में औरंगजेब को लेकर बयान से चर्चित उदयपुर स्थित मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय (MLSU) की कुलपति प्रोफेसर सुनीता मिश्रा ने विवाद के बाद माफी मांग ली है. उन्होंने गुरुनानक कॉलेज में एक सेमिनार में औरंगजेब को कुशल प्रशासक बता दिया था जिसका ज़बरदस्त विरोध हो रहा था. कल मंगलवार 16 सितंबर को यूनिवर्सिटी ने उन्हें अपने दफ्तर में शाम 5:30 बजे से रात 11:17 बजे तक, करीब 6 घंटे तक बंधक बनाए रखा था. छात्रों ने दफ्तर के गेट पर ताला लगा दिया और बिजली भी काट दी थी. बाद में प्रशासन ने छात्रों को आश्वासन दिया कि जब तक विवाद का हल नहीं निकल जाता, तब तक कुलपति यूनिवर्सिटी में नहीं आएंगी. इसके बाद ही छात्रों ने अपना धरना खत्म किया. अब इसके एक दिन बाद कुलपति सुनीता मिश्रा ने सोशल मीडिया पर माफी मांग ली है. लेकिन इसके बावजूद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है और अब श्री राजपूत करणी सेना ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा ने मांगी माफी
प्रो. सुनीता मिश्रा ने एक वीडियो संदेश में कहा है कि 12 सितंबर को ‘विकसित भारत 2047' विषय पर एक सेमिनार में उन्होंने अनजाने में कुछ ऐसा कह दिया जिससे समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची. प्रो. मिश्रा ने विशेष रूप से राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना और मेवाड़ की जनता से तहे दिल से क्षमा प्रार्थना की. उन्होंने स्वीकार किया कि यह उनकी गलती थी और उनका किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाने का कोई उद्देश्य नहीं था. उन्होंने कहा, “मैं बार-बार राजपूत समुदाय और पूरे समाज से माफी मांगती हूं. मुझे खेद है कि मेरे शब्दों से लोगों की भावनाओं को चोट पहुंची.”
उन्होंने आगे कहा कि उनका उद्देश्य केवल ‘विकसित भारत 2047' पर चर्चा करना था, न कि किसी समुदाय का अपमान करना. इसके बावजूद उनके बयान से समाज में असंतोष और रोष की स्थिति बनी, जिसे देखते हुए उन्होंने सभी से क्षमा मांगते हुए वहीं विश्वविद्यालय ने भी शैक्षणिक वातावरण को बेहतर बनाने और सभी समुदायों का सम्मान सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया.

करणी सेना ने ठुकराई माफी
औरंगजेब पर बयान को लेकर छात्रों के आक्रोश के बाद श्री राजपूत करणी सेना ने भी मोर्चा खोल दिया है. श्री राजपूत करणी सेना ने कुलपति की बर्खास्तगी की मांग करते हुए मेवाड़ के सम्मान की रक्षा के लिए सर्व समाज से सड़कों पर उतरने का आह्वान किया है. श्री राजपूत करणी सेना के संभाग अध्यक्ष डॉ. परमवीर सिंह दुलावत ने राज्यपाल से जल्द से जल्द सुनीता मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि जो लोग मेवाड़ के गौरव और संस्कृति का अपमान कर रहे हैं. उनके खिलाफ पूरे समाज को एकजुट होकर विरोध करना चाहिए.
परमवीर सिंह दुलावत ने कहा,"मैं श्री राजपूत करणी सेना और समस्त मेवाड़वासियों की ओर से उन्हें यह अल्टीमेटम और चेतावनी दे रहा हूं कि जैसा कृत्य कुलगुरु जी ने किया है, वह माफी के लायक नहीं है. जब तक वह मेवाड़ नहीं छोड़ती हैं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. हमारी एक ही मांग है, कुलगुरु तत्काल मेवाड़ छोड़कर जाएं."
दुलावत ने साथ ही कहा कि करणी सेना ने इस मामले पर उदयपुर बंद का फैसला किया है.
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