कार्तिक पूर्णिमा की सुबह तड़के तीन बजे शंखनाद की ध्वनि सुनाई पडऩे के साथ रविवार को केशवधाम में चर्मण्यवती के घाट श्रद्धालुओं से भर गया. भगवान केशव की नगरी केशवरायपाटन में करीब 1 लाख से अधिक लोगों ने कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर महास्नान किया.
बूंदी के केशवरायपाटन में कार्तिक पूर्णिमा पर पवित्र चम्बल नदी के किनारे सैंकड़ों लोग सुबह से ही पवित्र डुबकी लगाई. डुबकी का सिलसिला आज यानी सोमवार दोपहर तक जारी रहेगा. पूरे राजस्थान में केशवराय जी का मंदिर केवल केशवराय पाटन में ही स्थित है. ऐसे में दूरदराज से यहां श्रदालु दर्शन एंव आस्था की डुबकी लगाने के लिए आते हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक कार्तिक केशवराय जी की पूजा रविवार सुबह होने के साथ ही स्नान की शुरुआत ब्रह्म मुहूर्त से ही हो गई थी, लेकिन दिन बढ़ने के साथ-साथ लोगों की भीड़ उमड़ने लगी है. हाड़ौती अंचल सहित सीमावर्ती जिलों के भी हजारों लोग पवित्र चम्बल नदी में देर शाम तक आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य कमाए. इस महास्नान में क्या बच्चे और क्या बुजुर्ग सभी ने आस्था की डुबकी लगाई. श्रद्धालु जयकारे लगाते और भजन-कीर्तन करते हुए आगे बढ़ रहे थे.
शयन आरती के बाद पूर्णिमा की बेला पर भगवान केशव के मंदिर पर शंखनाद किया गया. चम्बल से ठाकुरजी के लिए जल लाया गया. इसके बाद पवित्र मास के अंतिम स्नान हुए. यहां दर्शनार्थियों का सैलाब देखते ही बन रहा था. हर गली से श्रद्धालुओं की भीड़ इस कदर आगे बढ़ रही थी, जैसे धर्म का रैला बह रहा हो.
गौरतलब है राज्य के विभिन्न गांवों शहरों से लोगों के आने का सिलसिला शाम से ही शुरू हो गया था. रविवार को तड़के स्नान के बाद मंगला आरती के दर्शन किए. मंदिर परिसर में स्थित जम्बूमार्गेश्वर महादेव, गंगा मंदिर, चारभुजा मंदिर, संकट मोचन हनुमान व गणेश मंदिरों पर पूजा की.
मंदिर परिसर में पीपल पूजन कर महिलाओं ने भगवान की पूजा अर्चना की. महिला घाट, केशव घाट, नाव घाट, ब्रह्म घाट पर स्नान किया. सूर्य देव को अर्घ्य देकर मन्नत पूरी होने की मनोकामनाएं की गई. शिव मंदिरों में जल चढ़ाकर पूजा-अर्चना के बाद एक माह से चल रहा व्रत खोला गया. भगवान केशवराय झांकी के दर्शन मनमोहक रहे.
मान्यताओं के अनुसार विशेष फल दायक है आज का दिन
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज के दिन जो भी भक्त सच्चे मन और विश्वास के साथ मां चम्बल में स्त्रान करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं ज़रूर पूरी होती हैं. भगवान केशवराय जी की नगरी केशवरायपाटन में हर त्यौहार का एक विशेष महत्व है और पुराणों की मानें तो आज के दिन स्वर्ग से देवतागण पृथ्वी पर आतें हैं, इसलिए केशव राय जी की नगरी में मां चम्बल में स्नान और पूजन करने से भगवान केशव राय जी प्रसन्न होतें हैं. इससे भोग और मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है.
देवताओं को समर्पित है पूरा कार्तिक मास
पूरे कार्तिक मास को ही देवताओं को समर्पित किया गया है, लेकिन इस माह में भी सबसे फलदायक तिथि कार्तिक पूर्णिमा की है, क्योंकि आज के ही दिन 33 करो़ड देवी-देवता इस धरा पर प्रकट होते हैं. इस दौरान हजारों लोग यहां परिसर मे महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना कर दान पुण्य करते हैं.
ये भी पढ़ें-Guru Nanak Dev Jayanti 2023: सिखों के प्रथम गुरु की जयंती पर जानिये क्या है 'गुरुपरब' का महत्व