Rajasthan News: राजस्थान में अजमेर जिले के प्रसिद्ध ख्वाजा गरीब नवाज के 813वें उर्स के अवसर पर आयोजित बैठक में जिला प्रशासन और दरगाह से जुड़े लोगों के बीच विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई. बैठक में दरगाह पर आने वाले लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने पर जोर दिया गया. दरगाह दीवान के उत्तराधिकारी, सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने दरगाह में आने वाले लोगों को उच्च स्तर की सुविधाएं देने की बात की और उर्स के कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी दी. वहीं अंजुमन सैयद जादगान के सचिव, सैयद सरवर चिश्ती ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि दरगाह में रंग-रोगन के काम पर सेवक अपनी जेब से खर्च करते हैं. प्रशासन को इस मामले पर ध्यान देना चाहिए.
अपनी जेब से सजाते है दरगाह को
अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने कहा कि दरगाह समिति जो टाइम टेबल देती है, वह सही नहीं होता. दरगाह दीवान का भी जिक्र किया जाता है. संदल उतारने की प्रक्रिया भी है पर उसका भी कोई जिक्र नहीं है. दरगाह समिति के पास डेढ़ साल से कोई नामित व्यक्ति नहीं है और तीन साल से कोई नाजिम नहीं है. वे अपनी मनमानी करते हैं और नीचे स्टाफ भी अपनी इच्छाओं के अनुसार काम करता है. हमने इस संबंध में एसपी साहिबा के सामने एक सख्त शिकायत रखी है और उन्होंने यह कहा कि हम तीनों संस्थाओं की बैठक करेंगे.
लेकिन हमें लगता है कि इन्हें समझ नहीं आता और न ही कोई खर्चा करते हैं. दरगाह में जो रंग होती है. वह भी हमारे खादिम में कराते हैं और जो भी टूट-फूट होती है, उसका कोई जिम्मेदार नहीं होता. ये लोग अपनी मनमानी करते हैं और गलत टाइम टेबल देते हैं. हमने यह भी कहा कि नगर निगम का कोई काम नहीं होता. दरगाह क्षेत्र को कवर नहीं किया जाता है.
813 वां दिसंबर अंत से शुरू
उर्स के लिए हो रही व्यवस्थाओं की जानकारी देते हुए सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का 813वां सालाना उर्स दिसंबर के अंत में शुरू होने जा रहा है. चादर चढ़ने की परंपरा 27-28 दिसंबर को होगी. इससे पहले प्रशासन और दरगाह से जुड़े सभी संबंधित विभागों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक आयोजित की गई थी. इसमें सभी ने अपनी राय रखी और इस बार के उर्स के लिए विशेष तैयारियां करने पर जोर दिया क्योंकि इस बार उर्स सर्दियों में है.
1 जनवरी को दिखेगा चाँद
सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने आगे कहा कि लोग खुले में और विश्राम स्थलों पर रुकते हैं. इसलिए यह सुनिश्चित करना जरूरी होगा कि वे ठंड से बच सकें. प्रशासन और संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी जिम्मेदारियों को समय पर पूरा करें. दरगाह से जुड़ी संस्थाओं और परंपराओं के अनुसार 27-28 दिसंबर को झंडा चढ़ेगा. जो उर्स की औपचारिक शुरुआत होगी. इसके बाद 1 जनवरी को चांद दिखाई देगा.
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