
Rajasthan News: लद्दाख के जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को लेह में हुई हिंसा के मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद उन्हें जोधपुर की जेल में रखा गया है. वहीं अब इस मामले में लद्दाख के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एस.डी. सिंह जामवाल ने बताया कि इस हिंसा में चार लोगों की जान गई और कई अन्य घायल हुए. पुलिस का कहना है कि वांगचुक ने प्रदर्शनों को भड़काने में अहम भूमिका निभाई.
पाकिस्तानी एजेंट से कथित संबंध
जामवाल ने खुलासा किया कि पुलिस वांगचुक के पाकिस्तान से संभावित संबंधों की जांच कर रही है. पिछले महीने एक पाकिस्तानी खुफिया एजेंट को गिरफ्तार किया गया था, जो वांगचुक के नेतृत्व में हुए प्रदर्शनों के वीडियो सीमा पार भेज रहा था. डीजीपी ने कहा कि वांगचुक की कुछ विदेश यात्राएं भी संदिग्ध हैं.
उन्होंने पाकिस्तान के एक समाचार पत्र ‘द डॉन' के कार्यक्रम में हिस्सा लिया और बांग्लादेश भी गए. इसके अलावा उनके खिलाफ विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) के उल्लंघन की जांच भी चल रही है.
भड़काऊ बयानों का आरोप
पुलिस का दावा है कि वांगचुक के यूट्यूब वीडियो और भाषण लोगों को उकसाने वाले थे. उन्होंने अरब क्रांति, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका की अशांति का जिक्र किया, जिससे माहौल बिगड़ने की आशंका बढ़ी.
जामवाल ने कहा कि वांगचुक ने लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन को अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश की. इससे केंद्र सरकार और लद्दाख के नेताओं के बीच चल रही बातचीत कमजोर हुई.
हिंसा में विदेशी साजिश का शक
लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने हिंसा में विदेशी साजिश का दावा किया है. पुलिस ने बताया कि हिंसा में घायल तीन नेपाली नागरिकों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और कुछ अन्य विदेशी नागरिकों की भूमिका की भी जांच हो रही है. अब तक 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें छह पर हिंसा में शामिल होने का संदेह है.
केंद्र के साथ बातचीत का दौर
जामवाल ने बताया कि केंद्र सरकार ने लद्दाख के नेताओं को 6 अक्टूबर को बातचीत के लिए बुलाया है. वांगचुक को 25 सितंबर को होने वाली एक अनौपचारिक बैठक की जानकारी थी, फिर भी उन्होंने अनशन जारी रखा. पुलिस का आरोप है कि उनके भड़काऊ बयानों और वीडियो के कारण माहौल बिगड़ा, जिससे हिंसा भड़की.
वांगचुक का आंदोलन
सोनम वांगचुक ‘लेह एपेक्स बॉडी' और ‘करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस' के आंदोलन का मुख्य चेहरा रहे हैं. ये संगठन लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं. पुलिस का कहना है कि वांगचुक ने इस मंच का गलत इस्तेमाल किया.
आगे की जांच जारी
जामवाल ने कहा कि जांच अभी जारी है और जल्द ही और तथ्य सामने आएंगे. फिलहाल वांगचुक को लद्दाख से बाहर जोधपुर जेल में रखा गया है ताकि स्थिति को और बिगड़ने से रोका जा सके.
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