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This Article is From Apr 03, 2024

चर्चित हरलाल जाट हत्याकांड का मुख्य आरोपी लाल सिंह 23 साल से था पैरोल फरारी, इस बीच किये कई कारनामे

लाल सिंह 30 साल पहले 1994 में बाड़मेर में दिनदहाड़े खुलेआम हुए हरलाल हत्याकांड का मुख्य आरोपी है. वह 23 साल से पैरोल के बाद फरार चल रहा था.

चर्चित हरलाल जाट हत्याकांड का मुख्य आरोपी लाल सिंह 23 साल से था पैरोल फरारी, इस बीच किये कई कारनामे

Rajasthan News: बाड़मेर के बहुतचर्चित हरलाल जाट हत्याकांड का 23 साल से पैरोल से फरार 58 हजार के इनामी आरोपी लाल सिंह उर्फ लूणसिंह को बाड़मेर और स्पेशल टीमों ने गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. आरोपी 30 साल पहले 1994 में बाड़मेर में दिनदहाड़े खुलेआम हुए हरलाल हत्याकांड का मुख्य आरोपी है. वह 23 साल से पैरोल के बाद फरार चल रहा था. पुलिस को आरोपी के कब्जे से भारी मात्रा में हथियारों का जखीरा मिला है. पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है ऐसे में और भी हथियार आरोपी के पास से बरामद होने की आशंका है.

आरोपी का दावा 2 दिन तक कर सकता हूं बाड़मेर पुलिस का सामना

पुलिस को आरोपी के बाड़मेर के आसपास के इलाकों में होने की सूचना मिली थी. जिसके बाद बाड़मेर के ग्रामीण थाना क्षेत्र की बिशाला गांव के पास पुलिस की गई नाकेबंदी के दौरान आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ गया. इस दौरान पुलिस को आरोपी की गाड़ी से करीब 300 राउंड कारतूस एक 3 नोट 3 राइफल 9 एमएम पिस्टल बारूद और तलवार चाकू सहित बड़ी मात्रा में हथियारों का जखीरा मिला है. पुलिस के अनुसार आरोपी ने पूछताछ में बताया की उसका दावा था की उसकी सूचना नेटवर्क काफी अच्छा था. ऐसे में पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर सकती. यदि कभी पुलिस से सामना हो जाए तो पूरे बाड़मेर जिले की पुलिस से 2 दिन सामना करने जितनी गोलियां और हथियार उसके पास है. आरोपी के साथ गिरफ्तार हुए साथी तक को कह रखा था कि यदि पुलिस उन्हें पकड़ने की कोशिश करें तो वो भाग जाएं खुद अकेला ही पुलिस से सामना करने में सक्षम है.

30 साल पहले हुआ था बहुचर्चित हरलाल जाट हत्याकांड

30 साल पहले यानी कि साल 1994 में बाड़मेर में बहुत चर्चित हल जाट हत्याकांड हुआ था. इस मामले को लेकर पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन हुए थे बताया जाता है कि आरोपी लाल सिंह के रिश्तेदार की कुछ समय पहले हत्या हो चुकी थी. जिसके बाद आरोपी प्रतिशोध की ज्वाला में जल रहा था. इसी के चलते उसने हरलाल जाट हत्याकांड को अंजाम दिया था. पुलिस द्वारा आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद आरोपी के पास से हिसाब की डायरियां भी मिली है. इस डायरी में लोगों द्वारा आरोपी को चंदा देने और हथियार सप्लाई में मेरे पैसों के लेनदेन का हिसाब लिखा हुआ है. पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है पुलिस को अंदेशा है कि पूछताछ में और भी हथियार आरोपी के निशानदेही पर और भी हथियार बरामद हो सकते है.

फरारी के दौरान की शादी और बना पिता

पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि आरोपी ने पैरोल से फरार होने के बाद 23 साल बाड़मेर जैसलमेर के सीमावर्ती इलाकों में रहा. इस दौरान आरोपी ने शादी भी कर ली उसके दो बच्चे भी हैं. लेकिन आज तक पुलिस उसको गिरफ्तार करने में सफल नहीं हो पाई. इस दौरान आरोपी ने अपराध की दुनिया में पांव रख दिया और सीमावर्ती और आसपास के इलाकों में हथियार सप्लाई करने के काम में लग गया. पैरोल से फरारी के बाद आरोपी के खिलाफ विभिन्न स्थानों में करीब 20 मामले भी दर्ज किए लेकिन आरोपी कभी पुलिस के हाथ नहीं आया.

हत्याकांड की गोल्डन जुबली के बाद था सरेंडर का प्लान

पुलिस से पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने प्राण ले रखा है कि वह हत्याकांड की गोल्डन जुबली यानी 50 साल बाद अपने आप को पुलिस के आगे सरेंडर कर लेगा. इससे पहले पुलिस को यदि उसे पुलिस ने गिरफ्तार करने की स्थिति आई तो अपने पास मौजूद हथियारों के दम पर जब तक रहेगा आजाद रहेगा और अंत में खुद अपनी मर्जी से सरेंडर करेगा. लेकिन पुलिस उसे गिरफ्तार करे ऐसा कभी नहीं होगा. लेकिन पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने के बाद आरोपी टूट गया और उसने युवाओं से अपराध की दुनिया नहीं आने की अपील की. इस दौरान आरोपी ने कहा कि उसके मां-बाप बचपन में ही गुजर गए थे उसे भले बुरे की पहचान करवाने वाला कोई नहीं था. जिसके चलते उसने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया. लेकिन युवाओं से कहना चाहता है कि अपराध में पड़कर अपना जीवन बर्बाद नहीं करें.

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