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जयपुर में फर्जी कॉलोनी बनाकर बेच डाली करोड़ों की जमीन... तैयार किये थे 508 फर्जी पट्टे, अब हुआ खुलासा

जयपुर पुलिस ने एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने बंधु गृह निर्माण सहकारी समिति के नाम पर फर्जी पट्टे जारी कर करोड़ों की जमीन बेच दी थी.

जयपुर में फर्जी कॉलोनी बनाकर बेच डाली करोड़ों की जमीन... तैयार किये थे 508 फर्जी पट्टे, अब हुआ खुलासा

Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर में करोड़ों के जमीन का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. वहीं जयपुर पुलिस ने एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने बंधु गृह निर्माण सहकारी समिति के नाम पर फर्जी पट्टे जारी कर करोड़ों की जमीन बेच दी थी. पुलिस ने इनके पास से 4 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं, जो इन अवैध सौदों से हासिल की गई रकम है. बताया जा रहा है कि फर्जी पट्टे का काम साल 2022 से ही चल रहा था.

फर्जी कॉलोनी बनाकर बेची करोड़ों की जमीन 

डीसीपी (पूर्व) संजीव जैन ने बताया कि मामला थाना बाना जामडोली क्षेत्र का है. यहां ग्राम मालपुरा डूंगर, पटवार हल्का सुमैल में काश्तगार पारस कुमार शर्मा की लगभग 32 बीघा जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया था. आरोपियों ने नकली दस्तावेज बनवाकर बंधु गृह निर्माण सहकारी समिति लिमिटेड के नाम से 508 फर्जी पट्टे तैयार किए और लोगों को बेच दिए. मामला उजागर होने पर थाना बाना जामडोली में मुकदमा संख्या 228/2025 बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया गया है.

जांच में सामने आया पूरा रैकेट 

जांच टीम ने जब मामले की तहकीकात की तो चौकाने वाले तथ्य सामने आए. पता चला कि भगवान सहाय निठारवाल, नच्छूराम मीणा, बाल सिंह और नाजिम लाल मीणा ने वर्ष 2022 के बाद फर्जी पट्टों का काम शुरू किया था. उसने पुराने 1997–98 के पट्टों को आधार बताते हुए 2022 के बाद सैकड़ों लोगों को वो जमीन बेच दी. जब खरीदारों ने आपत्ति जताई तो आरोपियों ने नए पट्टे देने का झांसा देकर पुराने असली दस्तावेज वापस ले लिए और फिर उनसे कोई संपर्क नहीं किया.

गिरफ्तारी और बरामदगी 

पुलिस ने मामले में मुख्य आरोपी भगवान सहाय निठारवाल  और नच्छूराम मीणा को गिरफ्तार किया है. दोनों के पास से अब तक 4 लाख रुपये  की अवैध राशि बरामद की जा चुकी है. बाकी आरोपियों की तलाश में पुलिस की टीम लगातार दबिश दे रही है. दोनों अभियुक्तों को 9 अक्टूबर 2025 तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया है, ताकि फर्जी दस्तावेज़ों और पट्टों की बरामदगी की जा सके.

समिति के पूर्व अध्यक्ष ने बताया सच 

बंधु गृह निर्माण सहकारी समिति लिमिटेड के वर्ष 1995 के तत्कालीन अध्यक्ष छाजूराम मीणा ने जांच में खुलासा किया कि उन्होंने कभी भी सीताराम शर्मा  से जमीन नहीं खरीदी थी और न ही बालाजी विहार नाम की कोई कॉलोनी विकसित की थी. उनके अनुसार, सभी जारी किए गए पट्टे  उनके फर्जी हस्ताक्षरों से तैयार किए गए हैं.

ऐसे करते थे फर्जीवाड़ा 

आरोपी लंबे समय से खाली पड़ी जमीनों की तलाश करते और उसके असली मालिक का पता लगाते थे. फिर वे उसी के नाम से फर्जी विक्रय अनुबंध, सोसाइटी के पट्टे और साइट रसीदें बनाकर लोगों को कानूनी जमीन बताकर बेच देते थे. वर्ष 2022 में आरोपियों ने आपस में लगभग 40 हजार वर्गगज जमीन बांटकर 500 से ज्यादा फर्जी पट्टे बना लिए और उन्हें अलग-अलग लोगों को बेच दिया. जयपुर पुलिस के अनुसार, यह रैकेट लंबे समय से सक्रिय था और शहर के अलग-अलग हिस्सों में इसी तरह के फर्जी सौदे करने की आशंका है. पुलिस अब इस मामले से जुड़ी अन्य डील्स और खरीदारों की सूची खंगाल रही है.

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