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सावन का अंतिम सोमवार: बम भोले के जयघोष से गुंजायमान हुए शिवालय, कांवड़ियों ने किया जलाभिषेक

श्रद्धालुओं की सेवा के उद्देश्य से मंदिर परिसर और आसपास अनेक स्थानों पर विशाल भंडारों का आयोजन किया गया, जिनमें प्रसाद और भोजन श्रद्धा पूर्वक वितरित किया गया.

सावन का अंतिम सोमवार: बम भोले के जयघोष से गुंजायमान हुए शिवालय, कांवड़ियों ने किया जलाभिषेक
सावन के अंतिम सोमवार को कांवड़ियों ने जलाभिषेक किया.

Rajasthan: सावन मास के अंतिम सोमवार को जिले के ऐतिहासिक महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. भोर होते ही मंदिर परिसर "हर-हर महादेव" और "बोल बम" के जयघोष से गूंज उठा. सुबह मंगला आरती के साथ ही मंदिर के गर्भगृह में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लग गईं.

कांवड़ियों ने पूजा-अर्चना की  

हजारों श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ को गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा और पुष्प अर्पित कर जलाभिषेक किया. इस पावन अवसर पर सोरों, हरिद्वार से आए कांवड़ियों ने भी विशेष पूजा-अर्चना की. कांवड़ यात्रा कर पहुंचे भक्तों की उपस्थिति से मंदिर परिसर का माहौल भक्ति रस में डूब गया.

सावन के अंतिम सोमवार को शिव भक्तों ने जलाभिषेक किया.

सावन के अंतिम सोमवार को शिव भक्तों ने जलाभिषेक किया.

श्रद्धालुओं के लिए भंडारों का आयोजन

महिला-पुरुष श्रद्धालुओं ने सेवा भाव से भंडारे में भाग लिया. महादेव मंदिर के अलावा चोपड़ा मंदिर अचलेश्वर महादेव मंदिर भूतेश्वर मंदिर पर भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई. श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह मुस्तैद रहा. अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती कर मंदिर परिसर और आसपास सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की गई. फोर व्हीलर वाहनों को बाईपास और मुख्य सड़क मार्ग पर ही रोका गया.

ऐतिहासिक महादेव मंदिर का महत्व

धौलपुर जिले में स्थित यह प्राचीन महादेव मंदिर श्रद्धा और विश्वास का प्रमुख केंद्र है. मान्यता है कि मंदिर के गर्भगृह में स्थित शिवलिंग स्वयंभू है, जिसका आदि और अंत ज्ञात नहीं है. यह मंदिर सैकड़ों वर्षों पुराना है और इसकी ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है. हर साल मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं. फाल्गुन माह में महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां आठ दिवसीय लक्खी मेले का भी आयोजन होता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं.

इस बार सावन में रिकॉर्ड तोड़ भीड़

स्थानीय श्रद्धालुओं के अनुसार, इस वर्ष सावन के हर सोमवार को भक्तों की बड़ी संख्या देखी गई, लेकिन अंतिम सोमवार को यह संख्या कई गुना अधिक रही. प्रशासन और मंदिर समिति के अनुसार, यह अब तक की सबसे अधिक उपस्थिति में से एक रही.

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