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'न्याय की देवी' की नई मूर्ति पर कानून मंत्री का रिएक्शन, CJI चंद्रचूड़ के फैसले पर कही ये बात

New Statue of Lady of Justice: 'न्याय की देवी' की नई मूर्ति में आंखों पर बंधी हुई को हटा दिया गया है. साथ ही उसके हाथ में तलवार की जगह संविधान की किताब दी गई है. यह मूर्ति सुप्रीम कोर्ट के जजों की लाइब्रेरी में लगाई गई है. इसका उद्देश्य यह संदेश देना है कि देश में कानून अंधा नहीं है और यह सजा का प्रतीक नहीं है.

'न्याय की देवी' की नई मूर्ति पर कानून मंत्री का रिएक्शन, CJI चंद्रचूड़ के फैसले पर कही ये बात

Law Minister Arjun Ram Meghawal: देश के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड के आदेश पर अदालतों में दिखने वाली 'न्याय की देवी' की मूर्ति में अहम बदलाव किए जाने पर केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल (Law Minister Arjun Ram Meghawal) ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कानून कभी अंधा नहीं होता. सीजेआई चन्द्रचूड़ के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि न्याय की देवी की आँख पर पट्टी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने 7 सीटों पर होने वाले आगामी उपचुनाव पर भी जीत का दावा करते हुए कहा कि सभी सीटें बीजेपी के खाते में जाएगी.

बता दें कि 'न्याय की देवी' की नई मूर्ति में आंखों पर बंधी हुई को हटा दिया गया है. साथ ही उसके हाथ में तलवार की जगह संविधान की किताब दी गई है. यह मूर्ति सुप्रीम कोर्ट के जजों की लाइब्रेरी में लगाई गई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस नई मूर्ति को सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने ऑर्डर देकर बनवाया है. इसका उद्देश्य यह संदेश देना है कि देश में कानून अंधा नहीं है और यह सजा का प्रतीक नहीं है.

बीकानेर दौरे पर पहुंचे कानून मंत्री ने कही ये बात

केन्द्रीय कानून मंत्री शुक्रवार 18 अक्टूबर को अपने संसदीय क्षेत्र बीकानेर के लूणकरणसर में थे, जहां उन्होंने लूणकरणसर विधानसभा क्षेत्र के बामनवाली, रोझा, लूणकरणसर और मनाफरसर में विकास कार्यों का लोकार्पण किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश के न्यायालयों के परिसर में लगी न्याय की देवी की आंखों पर बंधी पट्टी की जरूरत नहीं है. सीजेआई चन्द्रचूड़ का फैसला सही है, जिसमें उन्होंने मूर्ति की आँखों से पट्टी हटाने का आदेश दिया है. 

कानून संविधान से चलता है, ना कि तलवार से- मेघवाल

अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि सदियों से भारत के न्यायालयों में न्याय की देवी की आंखों पर पट्टी बंधी है, जबकि न्याय कभी अंधा नहीं होता. न्याय तो खुद सबकुछ देख कर फैसला देता है. न्याय की देवी के हाथ में तलवार की बजाय संविधान होना चाहिए. कानून संविधान से चलता है, ना कि तलवार से. उन्होंने बताया कि उनके मंत्रालय में उनके चैम्बर में जो न्याय की देवी की मूर्ति लगी हुई थी, उसकी जगह उन्होंने बाबा साहब अम्बेडकर की मूर्ति लगवाई है. मेघवाल ने कहा कि देश के मुख्य न्यायाधीश वाईवी चन्द्रचूड़ द्वारा न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हटाने को वे अच्छा फैसला मानते हैं. 

यह भी पढ़ेंः RSS के कार्यक्रम में चाकूबाजी करने वाले आरोपियों के खिलाफ होगा बुलडोजर एक्शन? मंत्री ने दिया ये जवाब

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