![Lok Sabha 2024: राजस्थान में हैट्रिक पर भाजपा, कैसे रोकेगा विपक्ष? तारीखों के ऐलान के बाद बढ़ी हलचल Lok Sabha 2024: राजस्थान में हैट्रिक पर भाजपा, कैसे रोकेगा विपक्ष? तारीखों के ऐलान के बाद बढ़ी हलचल](https://c.ndtvimg.com/2024-03/u4rd4ir4_pm-modi-rally-ani_640x480_15_March_24.jpg?downsize=773:435)
Lok Sabha Election 2024: भारतीय जनता पार्टी आगामी आम चुनाव में राजस्थान के अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराने की कोशिश में जुटी है और पार्टी को उम्मीद है कि वह राज्य की सभी 25 सीटों पर जीत दर्ज करेगी. वहीं कांग्रेस, भाजपा के इस सपने को पूरा होने से रोकने की कवायद में जुट गई है.
गौरतलब है लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस को पूर्वी राजस्थान से मुंह की खानी पड़ी थी जबकि 2018 विधानसभा चुनावों में उसने क्षेत्र की अधिकांश विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी. विधानसभा चुनाव 2018 में गुर्जर समुदाय ने कांग्रेस को इस उम्मीद से वोट दिया था कि सचिन पायलट राज्य के मुख्यमंत्री होंगे जबकि ऐसा नहीं हुआ.
पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा की जसकौर मीणा ने दौसा से 78,444 वोटों के अंतर से जबकि मनोज राजोरिया ने करौली-धौलपुर सीट पर 97,682 वोटों के अंतर से जीत हासिल की. टोंक-सवाई माधोपुर में सुखबीर सिंह जौनपुरिया ने 1,11,291 के अंतर से चुनाव जीता था.
मारवाड़ क्षेत्र में कांग्रेस को संसदीय चुनावों में जोधपुर से अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा था, जहां तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत अपना पहला चुनाव भाजपा के गजेंद्र शेखावत से 2,74,440 वोटों से हार गए थे, जबकि जोधपुर गहलोत का गृहनगर है और कांग्रेस का गढ़ माना जाता है..
कांग्रेस ने करण सिंह उचियारड़ा को मैदान में उतारा है
वैभव की हार गहलोत और कांग्रेस दोनों के लिए एक बड़ी शर्मिंदगी थी. केंद्रीय मंत्री शेखावत इस बार फिर से इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. वह 2014 से जोधपुर से लोकसभा सांसद हैं.कांग्रेस ने इस सीट पर इस बार अपना प्रत्याशी बदलते हुए करण सिंह उचियारड़ा को मैदान में उतारा है. उचियारड़ा कांग्रेस की प्रदेश इकाई के महासचिव हैं.
हनुमान बेनीवाल के लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा
लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा ने नागौर की सीट एनडीए के घटक राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के लिए छोड़ दी थी, जहां हनुमान बेनीवाल ने कांग्रेस उम्मीदवार ज्योति मिर्धा को 1,81,260 वोटों के अंतर से हराया था. हालांकि विधानसभा चुनाव 2023 में हनुमान बेनीवाल को छोड़कर पार्टी का एक भी सदस्य विधानसभा नहीं पहुंच सका.
नागौर से ज्योति मिर्धा हैं भाजपा की लोकसभा उम्मीदवार
ज्योति मिर्धा, अब भाजपा में हैं और उन्हें नागौर से पार्टी का टिकट दिया गया है. 2020 में किसानों आंदोलन को लेकर आरएलपी ने भाजपा के साथ अपना गठबंधन समाप्त कर दिया था. लोकसभा चुनाव 2024 में आरएलपी का कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर चर्चा गरम है.
बीटीपी ने कांग्रेस और भाजपा दोनों को दिया था झटका
राज्य के दक्षिणी हिस्से वाले मेवाड़ क्षेत्र में 2018 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उभरी भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने दो विधानसभा सीटें पर जीत हासिल की थी. बीटीपी ने बांसवाड़ा और डूंगरपुर इलाके में कांग्रेस और भाजपा दोनों को काफी नुकसान पहुंचाया था. विधानसभा चुनाव 2023 बीटीपी से टूटकर कर निकली भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) विधानसभा चुनाव 2023 में बढ़िया प्रदर्शन किया और अब लोकसभा चुनाव 2024 में भी उसे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है.
लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा ने सभी सीटों पर गाढ़े झंडे
लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा मतदाताओं को अपने पक्ष में करने में कामयाब रही और उसने बांसवाड़ा (3,05,464 वोट), चित्तौड़गढ़ (5,76,247 वोट), उदयपुर (4,37,914 वोट) और राजसमंद सीट (5,51,916 वोट) पर बहुत बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी.
कोटा-बूंदी व झालावाड़-बारां पर कायम रहा भाजपा का प्रभुत्व
मेवाड़ क्षेत्र में भाजपा का विधानसभा चुनाव 2018 में प्रदर्शन अच्छा रहा था, जिसका फायदा उसे बाद के लोकसभा चुनाव में भी मिला. वहीं, पार्टी ने हाड़ौती क्षेत्र में अपना प्रभुत्व बरकरार रखा, जहां उसने कोटा-बूंदी सीट (ओम बिरला) और झालावाड़-बारां सीट (दुष्यंत सिंह) पर जीत हासिल हुई थी.
यहां हर सीट पर भाजपा लगभग तीन लाख के अंतर से जीती
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह ने 4,53,928 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की. उत्तरी राजस्थान (बीकानेर, गंगानगर) और शेखावाटी क्षेत्र (चूरू, सीकर, झुंझुनू) में, पार्टी ने हर सीट पर लगभग तीन लाख के अंतर से जीत हासिल की थी.
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