Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा, कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जुटी है. चुनाव से पहले नेताओं के पाला बदलने का सिलसिला भी जारी है. ज्यादातर नेता भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियां का रुख कर रहे हैं. इससे कांग्रेस सहित विपक्षी गठबंधन के दलों की परेशानी बढ़ गई है. बीते कुछ दिनों में कांग्रेस के कई कद्दावर नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया है. जिसमें राजस्थान के नेता भी शामिल हैं. बीते दिनों राजस्थान कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे पूर्व मंत्री और कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य (CWC) रहे महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने भापजा का दामन थाम लिया था. उनके बाद अब कांग्रेस के और भी कई नेता भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं.
महेंद्रजीत मालवीय के पाला बदलने से राजस्थान के वांगड़ क्षेत्र में कांग्रेस काफी कमजोर हो गई है. बांसवाड़ा में तो स्थिति ऐसी हो गई है कि लग रहा है कि जिला कांग्रेस मुक्त न हो जाए. मालवीय के पीछे-पीछे कांग्रेस के कई नेता भाजपा में जा रहे हैं. इससे कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय नेताओं के साथ-साथ आलाकमान भी चिंतिंत है.
मोदी लहर में भी कांग्रेस को दिलाई थी जीत
साल 2014 में जब पूरे देश में मोदी लहर चल रही थी और उस हवा में राजस्थान में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था और मात्र 21 विधायक जीते थे. उस समय भी जिस नेता ने बड़े अंतराल से कांग्रेस विधायक के तौर पर चुने गए थे उस नेता ने 2024 में कांग्रेस छोड़ उसको घुटने पर खड़ा कर दिया है. हम बात कर रहे हैं महेंद्रजीत सिंह मालवीय की. जिन्होंने इन दिनों बांसवाड़ा जिले को कांग्रेस मुक्त करने का संकल्प लिया हुआ है और उसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.
10 साल में कांग्रेस ने मान तो दिया "सम्मान " नहीं
बकौल महेंद्रजीत सिंह मालवीया ने कहा कि उन्होंने बांसवाड़ा जिले में कांग्रेस को मजबूती देने में पूरा दम खम ठोक दिया था और मोदी लहर में भी कांग्रेस को जीत दिलाई थी, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने उनको वह सम्मान नहीं दिया जिसके वह हकदार थे. उन्होंने कहा कि 2018 में कांग्रेस को सत्ता वापस मिली तो उनको मंत्री नहीं बनाया और पूरे तीन साल तक उसके लिए संघर्ष किया तब उनको मंत्री बनने मिला.
उसके बाद जब गत विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को हार मिली तो उनको नेता प्रतिपक्ष बनाने का आश्वासन दिया गया था लेकिन जब घोषणा हुई तो उनको बिसरा दिया. इसके बाद उन्होंने खुलकर इसको लेकर नाराजगी जताई फिर भी उनको सम्मानजनक पद नहीं दिया गया. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी को छोड़ने का मानस बना लिया था.
अब कांग्रेस मुक्त जिला बनाने का संकल्प लिया
गत विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को प्रदेश में हार का सामना करना पड़ा तब भी बांसवाड़ा जिले में पांच विधानसभा में से चार सीटों पर जीत हासिल की थी. बावजूद इसके नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाने को लेकर उनका मोह कांग्रेस से टूट गया और मालवीया ने भाजपा का दामन थाम लिया और अब उन्होंने जिले को कांग्रेस मुक्त करने का संकल्प लिया है. इसी दिशा में जिले से जिला प्रमुख सहित करीब एक दर्जन से अधिक कांग्रेस नेताओं ने कांग्रेस को छोड़ भाजपा में शामिल हो गए हैं.
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