BJP 1st Lok Sabha Candidates List: समर्पित कार्यकर्ताओं को मौका, दागियों से दूरी और जनाधार वाले नेताओं को टिकट... लोकसभा चुनाव 2024 के लिए जारी भाजपा प्रत्याशियों (BJP 1st Candidate List for Lok Sabha Elections 2024) की पहली लिस्ट के तीन बड़े सियासी मायने हैं. भाजपा ने शनिवार को एक साथ 195 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की थी. इस लिस्ट को गौर से देखेंगे तो यह साफ जाहिर होता है पार्टी ने न केवल सभी वर्गों को खुश करने की कोशिश की है बल्कि विवादों में रहने वाले नेताओं से किनारा भी किया है. भाजपा ने समर्पित कार्यकर्ताओं को सम्मान देते हुए उन्हें टिकट दिया है. साथ ही वैसे नेताओं को किनारा कर लिया है जो गुटबाजी में शामिल थे.
लोकसभा चुनाव के लिए शनिवार को जारी भाजपा के 195 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट में राजस्थान की 15 लोकसभा सीटों के लिए भी उम्मीदवारों की घोषणा की गई है. यदि राजस्थान के लिहाज से इस लिस्ट की समीक्षा करें तो यह साफ जाहिर होता है भाजपा ने न केवल विनिंग कैपेसिटी को ध्यान में रखा है बल्कि प्रत्याशियों का पिछला इतिहास, क्षेत्र में उनकी मौजूदा स्थिति, दूसरी पार्टी से आए नेताओं को मौका, जातिगत आंकड़े, स्थानीय मुद्दों को भी ध्यान में रखा है.
राजस्थान में लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की पहली लिस्ट की सीटवार समीक्षा
बीकानेर लोकसभा सीटः अर्जुन राम मेघवाल
बीकानेर से अर्जुन राम मेघवाल मौजूदा सांसद हैं. पार्टी ने मेघवाल को फिर से मौका दिया है. मेघवाल अभी केंद्रीय मंत्री भी हैं. विधानसभा चुनाव में उनकी भूमिका बड़ी अहम थी. मेघवाल विधानसभा चुनाव में भाजपा संकल्प समिति के चेयरमैन थे. मेघवाल पूर्व में नौकरशाह थे. उस दौरान उनपर करप्शन के आरोप भी लगे थे. लेकिन सियासी जीवन में आने के बाद मेघवाल मोदी, शाह के चेहेते हैं. उन्होंने हर मौके पर अपने आप को साबित किया है. ऐसे में पार्टी ने उन्हें फिर से टिकट दिया है.
चूरू लोकसभा सीटः देवेंद्र झाझरिया
चूरू से भाजपा ने मौजूदा सांसद राहुल कस्वां का टिकट काट दिया है. चूरू की राजनीति में कस्वां परिवार की तीन दशक से धमक थी. लेकिन भाजपा ने इस बार राहुल कस्वां का टिकट काटते हुए यहां से पैरालंपिक एथलीट देवेंद्र झाझरिया को उम्मीदवार बनाया है. देवेंद्र झाझरिया चूरू के सामान्य किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं. बचपन में हुए एक हादसे में एक हाथ कट जाने के बाद उन्होंने पैरालंपिक खेलों में भारत के दो गोल्ड और एक सिल्वर मेडल जीता है. ऐसे में झाझरिया को टिकट देकर भाजपा ने दिव्यांगों को सम्मान देने का काम किया है.
साथ ही राहुल कस्वां का टिकट काटकर यह भी संदेश दिया है कि गुटबाजी में शामिल रहना ठीक बात नहीं. मालूम हो कि विधानसभा चुनाव के समय राहुल कस्वां पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप लगा था. इनके संसदीय क्षेत्र से भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को हार का सामना करना पड़ा था. चुनाव में मिली हार के बाद राठौड़ ने यहां तक कह दिया था उन्हें जयचंदों के कारण हार मिली. राहुल कस्वां का क्षेत्र में विरोध भी हो रहा था. बीते दिनों उनके खिलाफ पोस्टर भी लगे थे. जिसमें लिखा था मोदी आपसे बैर नहीं, कस्बां तेरी खैर नहीं.
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सीकर लोकसभा सीटः स्वामी सुमेधानंद सरस्वती
सीकर से भाजपा ने मौजूदा सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती को फिर से टिकट दिया है. स्वामी सुमेधानंद सरस्वती हिंदू संत हैं. साथ ही वो क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं. स्थानीय मुद्दों पर वो कई बार गहलोत सरकार से भिड़ते नजर आए थे. खुद की पहल पर सीकर में कई काम भी करवाएं. फीडबैक में भी उनके लिए ऑल गुड का रिस्पॉस मिला था. ऐसे में पार्टी ने उनपर फिर से भरोसा जताया है.
अलवर लोकसभा सीटः भूपेंद्र यादव
अलवर सीट से भाजपा ने प्रत्याशी बदला है. यहां से प्रत्याशी बदलना तय था. क्योंकि 2019 में यहां से बाबा बालक नाथ सांसद चुने गए थे. लेकिन पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें चुनावी मैदान में उतारा था. विधानसभा में जीत के बाद बाबा बालकनाथ को राजस्थान की राजनीति के लिए भाजपा ने रख लिया है. यहां से भाजपा ने भूपेंद्र यादव को टिकट दिया है. भूपेंद्र यादव भाजपा से राज्यसभा सांसद हैं. कुछ ही महीनों में उनका कार्यकाल भी समाप्त होने वाला है. ऐसे में भाजपा ने उन्हें टिकट देकर एक रूप से यह भी संदेश दे दिया है कि राजनीति में बने रहने के लिए आपको लोगों के बीच में उतरना ही होगा.
भरतपुर लोकसभा सीटः रामस्वरूप कोली
भरतपुर लोकसभा सीट से भी भाजपा ने मौजूदा सांसद का टिकट काट दिया है. यहां से रंजीता कोली सांसद थी. लेकिन इस बात पार्टी ने यहां से रामस्वरूप कोली को अपना उम्मीदवार बनाया है. यहां की मौजूदा सांसद रंजीता कोली का लोकसभा क्षेत्र में विरोध देखने को मिल रहा था. उनके काम से लोग नाखुश थे. उनके द्वारा लगातार क्षेत्र में अवैध खनन माफिया के खिलाफ उठाई गई आवाज का कोई असर नहीं देखने को मिला था. कई भाजपा कार्यकर्ताओं से नोक झोंक के चलते इनका टिकट काटा गया है.
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नागौर लोकसभा सीटः ज्योति मिर्धा
2019 के चुनाव में नागौर सीट को भाजपा ने अपनी सहयोगी पार्टी आरएलपी के लिए छोड़ दिया था. जहां से चुनाव जीत कर हनुमान बेनीवाल सांसद बने थे. लेकिन अब आरएलपी भाजपा के साथ नहीं है. ऐसे में पार्टी ने यहां से ज्योति मिर्धा को टिकट दिया है. ज्योति मिर्धा पहले कांग्रेस में थी. विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थी. ज्योति मिर्धा का परिवार नागौर का पुराना सियासी परिवार है. क्षेत्र में उनकी पहचान भी हैं. अब ज्योति मिर्धा के चाचा रिछपाल मिर्धा के भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने की अटकले हैं.
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पाली लोकसभा सीटः पीपी चौधरी
पाली लोकसभा सीट से भाजपा ने मौजूदा सांसद पीपी चौधरी को फिर से टिकट दिया है. पीपी चौधरी के नाम पर खतरा बताया जा रहा था. लेकिन आलाकमान से नजदीकी से कारण वो अपनी सीट बचाने में सफल रहे. फीडबैक में पीपी चौधरी का रिव्यू सामान्य था.
जोधपुर लोकसभा सीटः गजेंद्र सिंह शेखावत
पूर्व सीएम अशोक गहलोत के गृहनगर से भाजपा के कद्दावर नेता गजेंद्र सिंह शेखावत अभी सांसद हैं. ऐसे में पार्टी ने उन्हें फिर से टिकट दिया है. शेखावत केंद्रीय मंत्री भी हैं. विधानसभा चुनाव में भी उनकी बड़ी भूमिका थी. केंद्रीय नेतृत्व से इनकी करीबी है. जातिगत आंकड़ों में भी फिट बैठते हैं. ईआरसीपी जैसे मुद्दें को हल कर उन्होंने पूर्वी राजस्थान में भाजपा के लिए बड़ा वोट बैंक तैयार किया है.
बाड़मेर लोकसभा सीटः कैलाश चौधरी
बाड़मेर लोकसभा सीट से बदलाव की चर्चा थी. लेकिन पार्टी ने मौजूदा सांसद कैलाश चौधरी को टिकट दिया है. बीते कुछ दिनों से उनका टिकट काटे जाने की चर्चा थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. टिकट मिलने से एक दिन पहले ही कैलाश चौधरी यह बयान देते दिखे थे कि उनकी गलती की सजा पीएम मोदी को मत देना. अब कैलाश चौधरी पर भाजपा ने फिर से भरोसा जताया है.
जालौर लोकसभा सीटः लुंबाराम चौधरी
जालौर लोकसभा सीट से भाजपा ने मौजूदा सांसद देवजी पटेल का टिकट काट दिया है. यहां से लुंबाराम चौधरी को टिकट दिया गया है. देवजी पटेल 2023 के विधानसभा चुनाव में हार गए थे. ऐसे में इनका टिकट कटना तय माना जा रहा था. लुंबाराम चौधरी भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं. उन्हें टिकट देकर भाजपा ने पार्टी के पुराने और समर्पित कार्यकर्ताओं को बड़ा संदेश देने की कोशिश की है.
उदयपुर लोकसभा सीटः मन्नालाल रावत
उदयपुर से भाजपा ने मौजूदा सांसद का टिकट काटकट मन्नालाल रावत को उम्मीदवार बनाया है. यहां से अर्जुनलाल मीना सांसद थे. लेकिन उनका टिकट काट दिया गया है. मन्नालाल रावत पूर्व में आरटीओ अधिकारी थे. उदयपुर के मौजूदा सांसद बीते कुछ दिनों से सक्रिय नहीं थे. ऐसे में पार्टी ने यहां बदलाव किया है.
बांसवाड़ा लोकसभा सीटः महेंद्रजीत सिंह मालवीय
बीते दिनों बांसवाड़ा के बड़े कांग्रेसी नेता महेंद्रजीत सिंह मालवीय भाजपा में शामिल हुए थे. तभी से उन्हें लोकसभा का टिकट दिए जाने की चर्चा थी. आज प्रत्याशियों की पहली लिस्ट में भाजपा ने मालवीय को टिकट दे दिया है. यहां से मौजूदा सांसद कनकमल कटारा का टिकट काट दिया गया है.
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चित्तौड़गढ़ लोकसभा सीटः सीपी जोशी
यहां से भाजपा ने राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी सांसद हैं. उन्हें पार्टी ने फिर से चुनावी मैदान में उतारा है. सीपी जोशी के नेतृत्व में ही भाजपा को विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत मिली थी. सीपी जोशी ब्राह्मण चेहरा हैं. उनकी पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से नजदीकी भी है.
कोटा लोकसभा सीटः ओम बिरला
कोचिंग सिटी के रूप में मशहूर कोटा से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सांसद हैं. पार्टी ने उन्हें फिर से लोकसभा का टिकट दिया है. ओम बिरला का स्पीकर के रूप में कार्यकाल सराहनीय रहा है. पीएम मोदी ने 17वीं लोकसभा के आखिरी सत्र के दिन भी उनकी जमकर तारीफ की थी.
झालावाड़-बारां लोकसभा सीटः दुष्यंत सिंह
झालावाड़-बारां लोकसभा सीट से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह सांसद हैं. पार्टी ने उन्हें फिर से लोकसभा का टिकट दिया है. दुष्यंत सिंह को पांचवीं बार लोकसभा का टिकट मिला है. झालावाड़ समेत पूरे राजस्थान में वसुंधरा राजे का मजबूत जनाधार है. ऐसे में भाजपा ने जनाधार वाले नेता को टिकट दिया है.
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