kota News: प्रदेश में एक बार फिर लंपी (Lumpy Virus) ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. प्रदेश के कोटा में लगातार संक्रमित मवेशियों के मामले सामने आ रहे हैं. आवारा पशुओं के पकड़े जाने से नगर निगम की बंधा गौशाला में रहने वाले मवेशियों में भी यह बीमारी फैल गई है. दो दिन में 100 से ज्यादा पशु लुम्पी से पीड़ित मिले हैं, जिन्हें उपचार के लिए किशोरपुरा कैन हाउस में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया गया है. कोटा शहर में अब तक लुम्पी के 125 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं.
100 से ज्यादा संक्रमित मिले गौवंश
गौशाला समिति अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने नगर निगम और जिला प्रशासन के अधिकारियों पर लम्पी बीमारी को लेकर गंभीर नहीं होने का आरोप लगाया है, वहीं महापौर राजीव अग्रवाल भी लम्पी को लेकर जिला प्रशासन को पत्र लिख चुके हैं. लेकिन लम्पी की रोकथाम के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. जिसके बाद गौशाला अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने सीएम भजनलाल शर्मा से गुहार लगाई है. उन्होंने अपील की है कि कोटा समेत प्रदेश की कई गौशालाओं में अव्यवस्था का आलम है. ऐसे में जब तक उचित निगरानी और उपचार के पुख्ता इंतजाम नहीं होंगे, गौमाता के लिए संकट बना रहेगा.
इसके साथ ही गौशाला अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने सीएम भजनलाल से अपील करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पूरे मामले में हस्तक्षेप करें और नगर निगम व पशुपालन विभाग को गंभीरता से काम करने के निर्देश दें.
क्या है लंपी वायरस
आपको बता दें कि साल 2022 में लम्पी वायरस ने राजस्थान में काफी तबाही मचाई थी. लम्पी रोग (गांठदार त्वचा रोग) मवेशियों में होने वाला एक संक्रामक रोग है जो पॉक्सविरिडे परिवार के वायरस के कारण होता है, जिसे नीथलिंग वायरस भी कहा जाता है. इस बीमारी से पशुओं की त्वचा पर गांठें पड़ जाती हैं. यह बीमारी अक्सर पशुओं में पुरानी दुर्बलता, कम दूध उत्पादन, खराब विकास, बांझपन, गर्भपात और कभी-कभी मृत्यु का कारण भी बनती है.
यह भी पढ़ें: सचिन पायलट ने हरियाणा में जिन सीटों पर किया प्रचार वहां कैसा प्रदर्शन कर रही है कांग्रेस ?